बांदा जिले में कथित रूप से ठंड लगने से दो और किसानों की मौत हो गई. हालांकि, जिला प्रशासन ने ठंड से मौत की बात से साफ इनकार किया है. एक माह में इस तरह सात किसानों की मौत हो चुकी है.
थानाध्यक्ष (गिरवां) विवेक प्रताप सिंह ने मृतक किसान के परिजनों के हवाले से कहा कि महुआ गांव का किसान देवीदीन (50) रविवार रात खेत की सिंचाई करने गया था, जहां वह ठंड से ऐठ गया. सुबह परिजनों ने उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने उसे कानपुर रेफर कर दिया. सोमवार को उसकी मौत हो गई.
नरैनी तहसील के खरौंच गांव के ग्राम प्रधान शिवनारायण सिंह पटेल ने बताया कि गांव के किसान शिवप्रसाद यादव (42) ने सोमवार को अपनी गेहूं की फसल में पानी लगाया, और वहीं उसे ठंड लग गई थी. पड़ोसी किसानों ने परिजनों को सूचना दी. परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरैनी ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
पुलिस का कहना है कि परिजनों के मुताबिक दोनों किसानों की मौत ठंड लगने हुई है, इसलिए शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा. अपर जिलाधिकारी गंगाराम गुप्ता ने हालांकि ठंड से किसानों की मौत की बात सिरे से खारिज कर दी है. उन्होंने कहा कि ठंड से उसकी मौत होती है, जिसके घर में खाने के लिए अनाज न हो और ओढ़ने के लिए कपड़ा न हो. ये मौतें बीमारी से हुई हैं.