योगी सरकार अबतक बजट का बड़ा हिस्सा खर्च नहीं कर पायी है. सरकारी आंकड़े बताते है कि सरकार ने वित्तीय अनुशासन और सख्ती तो दिखाई पर अबतक कुल प्रावधानित बजट का एक तिहाई हिस्सा ही खर्च हो पाया है. जबकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने में महज 3 माह शेष बचा है. विपक्ष ने सरकार को इस मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया हैं.
सरकारी आंकड़े बताते हैं योगी सरकार ने जो शीतकालीन सत्र में अधूरी योजनाओं को पूरा करने के लिए अनुपूरक बजट लायी हैं.
अनुपूरक बजट-11388 करोड़:
1500 करोड़ पूर्वांचल एक्सप्रेस वे
10 करोड़ ग्रामीण अंत्येष्टि स्थल
50 करोड़ स्कूलों में आधारभूत सेवाओं के लिए
स्वच्छ भारत अभियान के लिए 1215.39 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए 413.18 करोड़ , नागरिक उड्डयन के लिए 200 करोड़, 1.54 करोड़ बच्चो को निशुल्क स्वेटर के लिए 390 करोड़. वहीं अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज को 425 करोड़.
कुल आर्थिक लेखाजोखा:
कुल बजट -3.84 लाख करोड़.
पुरानी स्वीकृतियों को जोड़कर
बजट प्रावधान 415256.94 करोड़
बजट मंजूरी 202030.28 करोड़
आवंटित बजट 181792.88 करोड़
प्रगतिशील व्यय 137820.50 करोड़
यानी महज एक तिहाई पैसा ही खर्च हुआ.
यूपी सरकार का ये हाल उन महत्वपूर्ण विभागों में भी है जहां से विकास योजनाएं सीधे जनता से जुड़ी है.
कृषि - 40236.12 करोड़ प्रावधान, 38924.01 करोड़ मंजूरी, 31160.54 करोड़ आवंटित, 22371.14 करोड़ प्रगतिशील व्यय.
ग्राम्य विकास - 17172.82 करोड़ प्रावधान, 9558.45 करोड़ मंजूरी, 8603.17 करोड़ आवंटित,8232.97 करोड़ प्रगतिशील व्यय.
गृह विभाग- 16116.75 करोड़ प्रावधान, 14926.99 मंजूरी, 12741.71 करोड़ आवंटित, 9229.57 करोड़ प्रगतिशील व्यय.
चिकित्सा शिक्षा - 3902.16 करोड़ प्रावधान, 2844.12 करोड़ मंजूरी, 2729.66 करोड़ आवंटित,1936.02 करोड़ प्रगतिशील व्यय.
नगर विकास - 10333.87 प्रावधान , 4569.02 करोड़ मंजूरी ,4080.88 करोड़ आवंटित, 4066.40 करोड़ प्रगतिशील व्यय.
बाल विकास - 5747.53 करोड़ प्रावधान, 2407.46 करोड़ मंजूरी, 2341.87 करोड़ आवंटित 1718.83 करोड़ प्रगतिशील व्यय.
पीडब्लूडी - 13651.08 करोड़ प्रावधान, 29.99 करोड़ मंजूरी, 28.38 करोड़ आवंटित, 25.10 करोड़ प्रगतिशील व्यय.
अल्पसंख्यक - 2475.61करोड़ प्रावधान, 1167.59 करोड़ मंजूरी, 1096.22 करोड़ आवंटित ,447.75 करोड़ प्रगतिशील व्यय.
आपदा प्रबंधन/ राजस्व विभाग ने 1587.29 करोड़ प्रावधान ,437.31 करोड़ मंजूरी, 391.40 करोड़ आवंटित, 277.55 करोड़ प्रगतिशील व्यय.
एलोपैथिक चिकित्सा - 6618.20 करोड़ प्रावधान, 5364.22 करोड़ मंजूरी, 3849.45 करोड़ आवंटित, 2929.16 करोड़ प्रगतिशील व्यय.
ऊर्जा - 19347.71 करोड़ प्रावधान, 9879.94 करोड़ मंजूरी 9840.78 करोड़ आवंटित, 8509.68 करोड़ प्रगतिशील व्यय.
वहीं राज्य के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल इन आरोपों को गलत बताते है कि राज्य सरकार पैसे नहीं खर्च कर रही उनका कहना है कि सरकार लगातार विकास योजनाओं को आगे बढ़ा रही है और अधूरी योजनाओं के लिए अनुपूरक बजट लायी है. हालांकि की वित्त मंत्री विभागीय योजनाओं को लेकर सरकार द्वारा स्वीकृतियां न जारी करने के आरोप को टाल गए.
सरकार की घेरने के लिए विपक्षी समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील साजन ने आरोप लगाया की सरकार बजट खर्च नहीं कर पा रही है और विकास का जुमला पढ़ रही हैं.
वैसे विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने बीते 5 साल समाजवादी पार्टी को खूब घेरा था सरकार में आने के बाद भाजपा ने व्यवस्था में तो चुस्ती लायी है, पर सरकारी प्रस्तावों के बनने और उसकी स्वीकृति की प्रक्रिया लगातार बजट खर्च करने की कोशिशों को झटका देती रही है और नतीज़न सरकारी आंकड़े निराशाजनक होते जाते है.