गुजरात चुनाव ऐसे समय में हुऐ है जब देश की अर्थव्यवस्था अपने अस्तित्व को बचाने की जंग लड रही है ! व्यपारी अपने कारोबार को बचाना चाहता है तो बैंके अपनी साख को बचाना चाहती है किसान अपनी फसल का वाजिब दाम चाहता है तो गरीब महंगाई की मार से बचना चाहता है नौजवान नौकरी की उम्मीद लगाऐ बैठा है तो कंपनियां आर्थिक संकट व मंदी के कारण नौकरियो के दरवाजे बंद कर रही है ! जहां महंगी शिक्षा ने गरीबो से स्कूल छुडवाऐ तो वहीं महंगी चिकित्सा ने गरीबो से प्राण छुडवाऐ ! कुछ ऐसा ही हालचाल रहा भाजपा की लगभग तीन साल की सरकार में !
जब देश में नोटबंदी आई तो देश की जनता ने प्रधानमंत्री की बात पर यह सोचकर विश्वास किया कि गरीब कल्याण की बात करने वाले नरेंद्र भाई शायद अपना चुनावी वादा पूरा करेंगे और अमीरो की तिजोरी से कालाधन खींचकर गरीबो को पंद्रह लाख देंगे गरीबो की उम्मीदो को उस वक्त पंख लग गऐ जब नरेंद्र भाई ने कहा कि मुझे पचास दिन दे दो वर्ना चौराहे पर सजा देना ! प्रधानमंत्री तो किसी चौराहे पर नही आऐ मगर जनता को दोराहे पर खडा कर दिया !
नोटबंदी से देश की जनता उबरी भी नही थी कि उसके ऊपर जी ऐस टी का पहाड लाद दिया तर्क दिया कि देश का कारोबारी ढांचा मजबूत होगा देश में खुशहाली आऐगी रूपया और डालर का फर्क खत्म हो जाऐगा और हमारा नरेंद्र भाई जादू की छडी घुमाऐगा और नौजवानो को हर साल तीन करोड नौकरी देने का वादा ऐक ही झटके में पूरा कर देगा
नतीजा सामने है जी ऐस टी के कारण तमाम छोटे मझोले कारोबार सहित देश के तमाम बडे बडे इंडस्ट्रालिस्ट तक अपने अपने काम धंधो को आक्सीजन दे रहे हैं सरकार रोज रोज जी ऐस टी दर घटाकर उसको वैंटीलेटर पर जाने से रोकने की कोशिश कर रही है ! बाजारो का सन्नाटा और अपराधो का बढता ग्राफ देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर समझने को काफी है ! शायद यही बाते भांपकर भाजपा ने गुजरात चुनाव का सांप्रदायिक धुव्रीकरण करने की पूरी कोशिश की भाजपा यह सब जान चुकी थी कि जनता ने उसे नकार दिया है और अब वह किसी बहकावे में नही आऐगी यही कारण रहा कि चुनाव के अंतिम क्षणो में नरेंद्र भाई ने भाजपा की डूबती नैया को वोट की उंगली दिखाकर पार लगाने की कोशिश की जैसे डूबते को तिनके का सहारा होता है बहरहाल जनता ने अपना काम कर दिया और मीडिया ने अपने फन का मुजाहिरा कर दिया जैसा कि वह करती चली आ रही है चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता बनाऐ रखना चाहता है मगर हिटलर शाही सरकार का यूपी निकाय चुनाव रिपोर्ट कार्ड बता रहा है कि जहां ई वी ऐम से चुनाव हुऐ वहांं भाजपा जीती और जहां बैलट से चुनाव हुऐ वहां भाजपा हारी !
जनता जनार्दन कल 18 दिसंबर को चुनावी नतीजे देखकर समझ जाऐगी कि नतीजे गुजरात की जनता के हैं या ई वी ऐम के !
हाजी तालिब अंसारी
वरीष्ठ सपा नेता मुरादाबाद