लखनऊ - समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बिजली की बढ़ी दरों से ग्रामीण अर्थ व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी। इसीलिए सदन में सपा के सदस्य इसका विरोध कर रहे हैैं और भाजपा की मनमानी के खिलाफ उन्हें वेल में जाना पड़ा। सरकार की यह सांविधानिक जिम्मेदारी है कि सदन की मर्यादा का ध्यान रखते हुए लोकतंत्र में जनता की आवाज को अनसुना नहीं करे। जन समस्याओं की आवाज सदन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाना विपक्ष की जिम्मेदारी है।
अखिलेश ने एक बयान जारी कर कहा कि भाजपा सरकार हठधर्मी पर तुली हुई है। उसने बिजली की बढ़ी दरें वापस लेनेे की मांग पर चुप्पी साध रखी है। भाजपा सरकार को विपक्ष की आवाज सुनाई नहीं दे रही है। बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने बिजली की दरों में अचानक भारी वृद्धि कर साबित कर दिया है कि उसका गांव, गरीब और किसान से कोई वास्ता नहीं है। एक तो किसान को वैसे ही फसल का लागत मूल्य नहीं मिल पा रहा ह,ै दूसरे उस पर बिजली की बढ़ी दरें भी थोप दी गई है। उन्होंने कहा कि बिजली की बढ़ी दरों की वापसी होने तक इसका समाजवादी पार्टी विरोध करती रहेगी।