कौशलपुरी में ज्वैलरी निर्माता महेंद्र सिंह भल्ला के घर डकैती मामले में फरार एक आरोपी को नौबस्ता से गिरफ्तार कर लिया गया। वह बजरंग दल का नेता है जबकि मास्टरमाइंड लालू कानपुर देहात से जमानत कटवाकर जेल चला गया। गिरफ्तार आरोपी से डकैती की रकम से खरीदी गई बाइक, महंगा मोबाइल, तमंचा और 16 हजार नगद बरामद हुए हैं।
गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि एक आरोपी कुठौंद जालौन निवासी करुणेंद्र चौहान को बुधवार देर रात एसओ नजीराबाद जीतेंद्र सिंह, सब इंस्पेक्टर अखिलेश यादव, सुजीत मिश्रा और कांस्टेबल अनुज त्रिपाठी की टीम ने नौबस्ता बाईपास से गिरफ्तार किया। उस पर पांच हजार का इनाम था। करुणेंद्र बजरंग दल का नेता है। महेंद्र सिंह ने उसे पहचान भी लिया। करुणेंद्र एक साल पहले बजरंग दल से जुड़ा और जालौन का जिला गोरक्षा प्रमुख बना।
उसने इसी साल जालौन के हुबलाल डिग्री कालेज से बीएससी (मैथ्स) किया। बजरंग दल से जुड़कर वह राजनीति में जाना चाहता था। उसके संबंध बजरंग दल के बड़े नेताओं से हैं। एसएसपी के मुताबिक डकैती का मास्टरमाइंड राघवेंद्र यादव उर्फ लालू चार जुलाई को डकैती के एक पुराने मामले में अपनी जमानत कटवाकर कानपुर देहात से जेल चला गया। पुलिस जल्द ही लालू को रिमांड पर लेगी। दो आरोपी झांसी निवासी टिंगे और टिप्पी अब भी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
बताते चलें कि 30 जून की देर रात कौशलपुरी में ज्वैलरी निर्माता महेंद्र सिंह भल्ला के घर 50 लाख की डकैती पड़ी थी। इस मामले में पांच बदमाशों के खिलाफ थाना नजीराबाद में डकैती की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। अब तक इस मामले में दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, एक जमानत कटवा कर जेल चला गया है और दो फरार हैं।
जेल ने बनाया डकैत
कुछ समय पहले उरई से धर्म परिवर्तन के आरोप में करुणेंद्र जेल गया था जहां उसकी मुलाकात सचिन कोस्टा और राघवेंद्र यादव उर्फ लालू से हुई। जेल में ही करुणेंद्र की लाइन बदल गई और तुरंत पैसा कमाने के लिए डकैती का इरादा बनाया। वहीं पर लालू ने डकैती की साजिश रची।
पड़ोसी का ड्राइवर था लालू
कौशलपुरी डकैती कांड की खुलती पर्त दर पर्त ने पीड़ित परिवार को चौंका दिया है। गुरुवार को जैसे ही ज्वैलरी निर्माता महेंद्र सिंह को पता चला कि पड़ोसी पंकज अग्निहोत्री का पूर्व ड्राइवर लालू ही डकैती का मास्टरमाइंड है तो परिवार के पैरों से जमीन खिसक गई। महेंद्र की पत्नी गुरमीत कौर का कहना है कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि लालू ऐसा करेगा।
वारदात वाले दिन पंकज के मकान पर ताला लगा हुआ था। पंकज का कहना है कि वे लोग 27 जून से 2 जुलाई तक हरिद्वार में थे, लौटने पर उन्हें घटना की जानकारी हुई। कौशलपुरी में पीओपी की दुकान करने वाले पंकज का कहना है कि लालू की शराब की लत के चलते उसे करीब आठ दस माह पूर्व ही काम से निकाल भी दिया था।
फंसने के डर से साधी थी चुप्पी
पंकज के मुताबिक अखबार में छपने के बाद उसे पता लगा कि वारदात का मास्टर माइंड लालू है। वह घबरा गया था कि कहीं पुलिस उसे फंसा न दे, इसलिए उसने चुप्पी साधना ही बेहतर समझा था।
लालू ने की थी रेकी
ज्वैलरी निर्माता के ठीक बगल में रहने वाले पंकज के इस मकान को लालू ने ही खड़े होकर बनवाया था। इस दौरान लालू का महेंद्र के घर आना जाना भी था। इसी दौरान लालू ने महेंद्र के घर-परिवार की जानकारी हासिल कर ली थी।
महंगी बाइक, महंगा फोन खरीदा
पुलिस हिरासत में करुणेंद्र ने बताया कि 30 जून को वह अपने साथियों संग लालू की वैन से महेंद्र सिंह के घर पहुंचा था। करुणेंद्र ही सबसे पहले महेंद्र को धक्का देकर घर में घुसा था। डकैती के बाद उरई में लालू के घर माल का बंटवारा हुआ करुणेंद्र को 1.70 लाख मिले।
इस रकम से उसने तुरंत पल्सर 220 सीसी बाइक खरीदी और बाकी पैसा लेकर दिल्ली शापिंग करने चला गया। दो दिन में 20 हजार खर्च कर सचिन कोस्टा के पास झांसी गया उससे फिर 60 हजार लिए जिससे 55 हजार का सैमसंग गैलेक्सी एज 7 फोन खरीदा। तय हुआ था कि जैसे-जैसे जेवर बिकेंगे, सबको हिस्सा मिलता जाएगा।
गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि एक आरोपी कुठौंद जालौन निवासी करुणेंद्र चौहान को बुधवार देर रात एसओ नजीराबाद जीतेंद्र सिंह, सब इंस्पेक्टर अखिलेश यादव, सुजीत मिश्रा और कांस्टेबल अनुज त्रिपाठी की टीम ने नौबस्ता बाईपास से गिरफ्तार किया। उस पर पांच हजार का इनाम था। करुणेंद्र बजरंग दल का नेता है। महेंद्र सिंह ने उसे पहचान भी लिया। करुणेंद्र एक साल पहले बजरंग दल से जुड़ा और जालौन का जिला गोरक्षा प्रमुख बना।
उसने इसी साल जालौन के हुबलाल डिग्री कालेज से बीएससी (मैथ्स) किया। बजरंग दल से जुड़कर वह राजनीति में जाना चाहता था। उसके संबंध बजरंग दल के बड़े नेताओं से हैं। एसएसपी के मुताबिक डकैती का मास्टरमाइंड राघवेंद्र यादव उर्फ लालू चार जुलाई को डकैती के एक पुराने मामले में अपनी जमानत कटवाकर कानपुर देहात से जेल चला गया। पुलिस जल्द ही लालू को रिमांड पर लेगी। दो आरोपी झांसी निवासी टिंगे और टिप्पी अब भी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
बताते चलें कि 30 जून की देर रात कौशलपुरी में ज्वैलरी निर्माता महेंद्र सिंह भल्ला के घर 50 लाख की डकैती पड़ी थी। इस मामले में पांच बदमाशों के खिलाफ थाना नजीराबाद में डकैती की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। अब तक इस मामले में दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, एक जमानत कटवा कर जेल चला गया है और दो फरार हैं।
जेल ने बनाया डकैत
कुछ समय पहले उरई से धर्म परिवर्तन के आरोप में करुणेंद्र जेल गया था जहां उसकी मुलाकात सचिन कोस्टा और राघवेंद्र यादव उर्फ लालू से हुई। जेल में ही करुणेंद्र की लाइन बदल गई और तुरंत पैसा कमाने के लिए डकैती का इरादा बनाया। वहीं पर लालू ने डकैती की साजिश रची।
पड़ोसी का ड्राइवर था लालू
कौशलपुरी डकैती कांड की खुलती पर्त दर पर्त ने पीड़ित परिवार को चौंका दिया है। गुरुवार को जैसे ही ज्वैलरी निर्माता महेंद्र सिंह को पता चला कि पड़ोसी पंकज अग्निहोत्री का पूर्व ड्राइवर लालू ही डकैती का मास्टरमाइंड है तो परिवार के पैरों से जमीन खिसक गई। महेंद्र की पत्नी गुरमीत कौर का कहना है कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि लालू ऐसा करेगा।
वारदात वाले दिन पंकज के मकान पर ताला लगा हुआ था। पंकज का कहना है कि वे लोग 27 जून से 2 जुलाई तक हरिद्वार में थे, लौटने पर उन्हें घटना की जानकारी हुई। कौशलपुरी में पीओपी की दुकान करने वाले पंकज का कहना है कि लालू की शराब की लत के चलते उसे करीब आठ दस माह पूर्व ही काम से निकाल भी दिया था।
फंसने के डर से साधी थी चुप्पी
पंकज के मुताबिक अखबार में छपने के बाद उसे पता लगा कि वारदात का मास्टर माइंड लालू है। वह घबरा गया था कि कहीं पुलिस उसे फंसा न दे, इसलिए उसने चुप्पी साधना ही बेहतर समझा था।
लालू ने की थी रेकी
ज्वैलरी निर्माता के ठीक बगल में रहने वाले पंकज के इस मकान को लालू ने ही खड़े होकर बनवाया था। इस दौरान लालू का महेंद्र के घर आना जाना भी था। इसी दौरान लालू ने महेंद्र के घर-परिवार की जानकारी हासिल कर ली थी।
महंगी बाइक, महंगा फोन खरीदा
पुलिस हिरासत में करुणेंद्र ने बताया कि 30 जून को वह अपने साथियों संग लालू की वैन से महेंद्र सिंह के घर पहुंचा था। करुणेंद्र ही सबसे पहले महेंद्र को धक्का देकर घर में घुसा था। डकैती के बाद उरई में लालू के घर माल का बंटवारा हुआ करुणेंद्र को 1.70 लाख मिले।
इस रकम से उसने तुरंत पल्सर 220 सीसी बाइक खरीदी और बाकी पैसा लेकर दिल्ली शापिंग करने चला गया। दो दिन में 20 हजार खर्च कर सचिन कोस्टा के पास झांसी गया उससे फिर 60 हजार लिए जिससे 55 हजार का सैमसंग गैलेक्सी एज 7 फोन खरीदा। तय हुआ था कि जैसे-जैसे जेवर बिकेंगे, सबको हिस्सा मिलता जाएगा।