स्वामी के बाद बसपा को पश्चिमी यूपी में दूसरा बड़ा झटका

Update: 2016-06-28 16:14 GMT

गाजियाबाद. स्वामी प्रसाद मौर्या के बसपा का दामन छोड़ने के बाद अब पार्टी को पश्चिमी यूपी में दूसरा बड़ा झटका लगा है। आज पश्चिमी यूपी के एक हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने बहुजन समाज वादी पार्टी से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष त्यागी समाज ने अपने मंडल अध्यक्षों के साथ पश्चिमी यूपी के हजारों समर्थकों के साथ में पार्टी से इस्तीफा दिया। पार्टी छोड़ने पर कार्यकर्ताओं की तरफ से मायावती पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। दावा किया गया है कि 2002 से कार्यकर्ताओं को लिखित रूप से ज्वाइन नहीं कराया जाता, ताकि विरोध करने पर उन्हें निष्कासित किया जा सके।



 



श्रीकांत त्यागी का आरोप है कि बहुजन समाजवादी पार्टी अपने आर्थिक लाभों के फेर में बाबा साहब के आदर्शों को भूल गई है। पार्टी ने अब रूपयों का अपना आदर्श बनाकर साफ नारा बना दिया है कि जितनी थैली भारी उतनी उसकी पार्टी में भागीदारी। आरोप है कि पार्टी में लाखों रूपये देकर टिकट दिया जाता है। इसके अलावा मायवती से मुलाकात के लिए भी एक लाख देने पड़ते हैं।



 



बसपा को पिछली विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। इसकी वजह भी आर्थिक मानक ही थे। पार्टी छोड़ने वाले बसपाईयों का कहना है कि 2009 के बाद कार्यकर्ता पार्टी से दूर होता जा रहा है। रूपयों को अहमियत मिलने की वजह से लोगों ने पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को झटका दिया है।



मायावती पर आरोप लगाते हुए बागी कार्यकर्ताओं ने कहा कि बसपा सुप्रीमो बड़ी ही सूझबूझ के साथ काम करती हैं। 2002 के बाद में पार्टी को ज्वाइन करने वाले लोगों को लिखित रूप से ज्वाइन नहीं कराया जाता है। जिससे कभी वो बागी हों तो उन्हें पहले ही निष्कासित दिखाया जा सके। पार्टी ने दो मंत्रियों को ऐसे ही 22 तारीख को निष्कासित दर्शाकर उन्हें झूठा ठहरा दिया।



 



श्रीकांत त्यागी का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्या बाबा साहेब की विचारधारा से जुड़े हुए हैं। जो भी उनकी विचारधारा को समझेगा और वो जिस पार्टी के साथ में जुड़ेंगे बसपा को छोड़ने वाले कार्यकर्ता उनके पीछे-पीछे उसे ज्वाइन करेंगे।

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