RSS की स्कूलों में पढ़ रहे हैं 47,000 मुस्लिम छात्र, गायत्री मंत्र के जाप में भी परहेज नहीं

Update: 2016-06-05 05:37 GMT
असम में आरएसएस की स्कूल से 10वीं की परीक्षा में टॉप करने वाले सरफराज हुसैन ही नहीं बल्कि देशभर में आरएसएस अपने सरस्वती विद्यामंदिर स्कूलों में 47 हजार मुस्लिम बच्चों को पढ़ा रहा है। आरएसएस हर दिन अपनी इस  शैक्षणिक क्रान्ति का विस्तार लगातार मुस्लिम बहुल इलाकों में भी करता जा रहा है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों को गीता पाठ और गायत्री मंत्र का जाप करने में कोई परहेज नहीं है, और न ही वंदे मातरम के गायन से उन्हें कोई ऐतराज है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ और बुलंदशहर में भी आरएसएस के स्कूलों में बड़ी संख्या में मुस्लिम बच्चे हैं।

असम में टॉप करने वाले सरफराज के पिता ने कहा उनके बच्चे की सफलता के पीछे उनकी स्कूल से मिले संस्कार हैं। इसलिए अब संघ ने बड़ी संख्या में मुस्लिम बच्चों में संस्कार भरने की कई योजनाएं शुरू कर दी है। संघ ने हाल ही में 270 मुस्लिम आचार्यों की भी भर्ती स्कूलों में की है। इतना ही नहीं हिन्दुत्व संस्कार केंद्रों में 110 ईसाई आचार्य भी योगदान दे रहे हैं। देश भर में फैले स्कूलों में एक लाख 46 हजार आचार्य हैं जो करीब 34 लाख बच्चों को हिन्दुत्व और हिन्दुस्तान के संस्कार से संस्कारित कर रहे हैं।

कश्मीर के कई मुस्लिम बहुल इलाकों में संघ ने स्कूल और कई संस्कार केंद्र खोले हैं। पश्चिमी यूपी में विद्याभारती स्कूलों में 12 हजार मुस्लिम छात्र पढ़ते हैं। आरएसएस के सह कार्यवाह सुरेश सोनी मुस्लिम इलाकों में संघ की स्कूलों के विस्तार की बड़ी योजना पर काम भी कर रहे हैं।

गौरतलब है कि आरएसएस के देशभर में 12 हजार 364 विद्याभारती स्कूल हैं और इनमे मुस्लिमों के प्रवेश पर कोई रोक नहीं है। ऐसी कई गरीब बस्तियों को आरएसएस के टीचर कोचिंग भी दे रहे हैं ऐसे केंद्रों की संख्या  तकरीबन 11 हजार के लगभग बताई जा रही है। इन केंद्रों में राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत कई कहानियां सुनाई जाती हैं जिनसे बच्चे प्रभावित भी होते हैं। वहीँ मध्य प्रदेश के विद्याभारती स्कूलों में 10 हजार मुस्लिम बच्चे हैं।

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