हालाँकि हरीश रावत ने तीन निर्दलीय और एक यूकेडी विधायक को दो दिन पहले ही मसूरी-धनौल्टी के सुरक्षित पनाहगाह में रखा हुआ है. लेकिन बसपा विधायकों की दूरी ने आज दोपहर तक रावत की पेशानी पर बल डाल रखे थे. बसपा सुप्रीमो मायावती के अब तक फैसला न लेने के बयान ने कांग्रेस की बेचैनी बढा दी थी.
भाजपा ने भी हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिये बसपा को समर्थन दे दिया था. लेकिन सूत्रों ने खुलासा किया कि हरिद्वार में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट द्वारा खुले तौर पर बसपा को बिन माँगे समर्थन देना ही बसपा को अखर गया. बसपा के रणनीतिकारों ने भाजपा की इस खुली दरियादिली को मिशन यूपी की राह का भविष्य में बन जाने वाला रोड़ा मान लिया.
सूत्रों ने खुलासा किया कि बसपा को खुले तौर पर भाजपा के साथ खड़ा होना हज़म नहीं हुआ. इसीलिये पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश कुमार ने आनन फ़ानन में बयान दिया कि बसपा को भाजपा के समर्थन की ज़रूरत ही नहीं है.
जानकार सूत्र खुलासा कर रहे हैं कि बसपा नेतृत्व के निर्देश पर पार्टी के प्रदेश प्रभारी नसीरुद्दीन सिद्दीक़ी को देवभूमि भेज दिया है. सिद्दीक़ी पार्टी के दोनों विधायकों के फ्लोर टेस्ट में समर्थन को लेकर फैसला लेंगे और कांग्रेस रणनीतिकार दावा कर रहे हैं कि बसपा पीडीएफ में ही रहेगी. हालाँकि कुछ मुद्दों, जैसे कैबिनेट में बसपा को एक मंत्रीपद आदि पर सहमति करीब करीब बन चुकी है. साथ ही कांग्रेस रेखा आर्य के जाने की भरपाई भीमलाल आर्य को मान रही है.