एलडीए के वीसी प्रभु एन सिंह ने नटवर लाल बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा को भूखंडों के समायोजन में धोखाधड़ी करने के आरोप में बुधवार शाम अपने कार्यालय बुलाकर पुलिस के हवाले कर दिया। कई घंटे जद्दोजहद के बाद गोमतीनगर थाने में केस दर्ज कराया गया। पुलिस ने साक्ष्य संकलन के बाद गिरफ्तारी की बात कहकर बाबू को थाने से रिहा कर दिया।
करीब दोपहर 1:30 बजे बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा को एलडीए वीसी ने अपने कार्यालय बुलाया। इसके बाद बाबू से गोमतीनगर और गोमतीनगर विस्तार में हुए भूखंडों के समायोजन की फाइलों के बारे में पूछा गया।
वीसी का कहना है कि यह बाबू करीब 150 फाइलें गुम कर चुका है। उससे यह फाइलें वापस करने को कहा गया था। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
इसके अलावा विराटखंड गोमतीनगर में 2.5 करोड़ के भूखंड 2/271 और गोमतीनगर विस्तार के तीन अन्य भूखंडों के समायोजन में फर्जीवाड़े में भी यह बाबू शामिल था। जांच में यह शिकायतें सही पाए जाने पर बुधवार को वीसी ने बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा को अपने ऑफिस बुलाकर पुलिस को सौंप दिया।
एलडीए की तहरीर के मुताबिक मुक्तेश्वर नाथ ओझा ने फर्जीवाड़ा कर प्रियदर्शिनी योजना से अपनी पत्नी रेनू के नाम पर विराटखंड का भूखंड 2/272 समायोजित कर लिया।
इसमें पूर्व वीसी सत्येंद्र सिंह सहित सभी लोगों के फर्जी हस्ताक्षर और 10 जाली चालान लगाकर पैसा जमा करने का दावा किया गया। मूल फाइल में इस भूखंड का समायोजन पूनम मित्तल व पवन मित्तल के नाम पर था। भूखंड की कीमत करीब 2.5 करोड़ रुपये बताई गई है।
एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह का कहना है कि चार मामलों में धोखाधड़ी कर समायोजन के अलावा ओझा बाबू पर करीब 150 फाइलें गुम करने का भी आरोप है। उस पर विभागीय कार्रवाई चल रही है। उसे नियम-कानून के मुताबिक कार्रवाई का सामना करना होगा। मामले में सचिव के माध्यम से तहरीर थाने भेज दी गई है।