मुस्लिम से शादी करने वाली दो आदिवासी महिलाओं के नाम पर 30 अनुबंध, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ के परिवार बसाए

Update: 2025-12-14 13:53 GMT

सोनभद्र। झारखंड सीमा से सटे दुद्धी के बघाड़ू गांव में आदिवासी समाज की जमीन पर मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है। पिछले कुछ वर्षों में रजिया के नाम से बघाड़ू और उसके आसपास काफी जमीन खरीद गई है। रजिया मूल रूप से आदिवासी है, लेकिन उसने मुस्लिम व्यक्ति बहादुर से शादी की है। रजिया के भाई के नाम पर भी कई जमीनों की खरीद हुई है।


नियमों के तहत एससी-एसटी की जमीन कोई दूसरा व्यक्ति नहीं खरीद सकता, लेकिन कागजों में रजिया के आदिवासी नाम का फायदा उठाकर बेधड़क जमीन के सौदे किए जा रहे हैं। फिर इसी जमीन पर मुस्लिम परिवार बसाए जा रहे हैं। हाल यह है कि कभी आदिवासी बहुल रहे बघाड़ू गांव में अब अच्छी-खासी मुस्लिम आबादी हो चुकी है। इसमें तमाम परिवार गैर प्रांतों के हैं, जिनके मूल के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है।

 

बघाड़ू में यह खेल लंबे समय से चल रहा है। सुनियोजित तरीके से आदिवासियों की जमीन पर दूसरे लोग बसाए जा रहे हैं, मगर सरकारी तंत्र इससे बेखबर है। पिछले दिनों कुछ भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत की तब छानबीन शुरू हुई है। शुरुआती जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हालांकि इसके पीछे कई परतें अभी भी उधेड़ी जानी बाकी है।

दावा किया जा रहा है कि रजिया और भुइयां जाति की एक अन्य आदिवासी महिला के नाम पर 30 से अधिक रजिस्ट्री कराई गई है, जिस पर झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ सहित अन्य जगहों के मुस्लिम परिवार बसाए गए हैं। एससी-एसटी की जमीन की खरीद-बिक्री में कड़े नियमों से बचने के लिए बाहर से आए लोगों को जमीन नहीं बेचा जा रहा, सिर्फ 100 रुपये के स्टांप पर अनुबंध के तहत उन्हें कब्जे सौंप दिए गए हैं। मुस्लिम परिवारों की तेजी से बढ़ती संख्या से अन्य ग्रामीण चिंतित हैं।

ऐसे उठा रहे नाम का लाभ

रजिया का पूरा नाम परिवार रजिस्टर, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र सहित अन्य दस्तावेजों में अलग-अलग कहीं रजिया, रजिया खातून तो कहीं रजिया पनिका है। अपनी जरूरत के अनुसार इन नामों का उपयोग किया जा रहा है। रजिया के पिता जनजाति वर्ग से थे, लिहाजा उसकी जाति भी जनजाति की है। इसी का फायदा उठाकर पिता के नाम-पते का सहारा लेकर दूसरे जनजातियों की जमीन खरीदी जा रही है।

खरीदी गई इन जमीनों की देखभाल व मालिकाना हक उसके पति बहादुर अली का है। सूत्रों के मुताबिक बहादुर अली ने बाहर से आए लोगों को अपने रिश्तेदार, परिचित बताकर 100 रुपये के स्टांप अनुबंध के तहत जमीन पर बसाया है। बदले में उनसे जमीन की मूल कीमत भी वसूली गई है। इस पूरी प्रक्रिया में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है। लिहाजा सरकारी तंत्र की नजर भी इस पर नहीं पड़ी है।

एसडीएम की प्राथमिक जांच में ही सामने आए कई चौंकाने वाले तथ्य

सीएम तक पहुंची शिकायत के बाद एसडीएम दुद्धी की एक प्राथमिक जांच में कई जानकारियां सामने आई है। उसमें जिक्र किया गया है कि बहादुर की दूसरी पत्नी रजिया पनिका के नाम खरीदी गई जमीन सात नजदीकी रिश्तेदारों को घर बनाने के लिए दी गई है। एक घर बन गया है। छह निर्माणाधीन है।

संबंधित महिला के भाई के नाम पर भी जमीनें खरीदी गईं। धारा 80 के जरिए जमीन को अकृषिक घोषित कराकर भी कई को जमीन बेची गई। दूसरी महिला जिससे शादी तो रचाई गई लेकिन सार्वजनिक तौर पर इसका एलान नहीं किया गया। पूर्ण रूप से उसका हिंदू नाम बनाए रखते हुए उसके जरिए बघाड़ू के चार सगे भाइयों को जमीन खरीदवाई गई।

उसी के नाम का सहारा लेकन गढ़वा (झारखंड) के मेराल निवासी समुदाय विशेष के दो परिवारों को जमीनें खरीदवाई गईं। नगवां के रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा इस महिला के नाम खरीदी जमीन स्टांप के जरिए बेची गई। दावा किया जा रहा है कि अब तक जो जानकारियां सामने आई हैं वह प्राथमिक आंकड़े हैं। जांच में कई और जमीनों की खरीदारी के साथ ही कई बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं।

 

बघाड़ू में अनुसूचित जनजाति की महिलाओं से शादी रचा कर उनके जरिए जनजातीय समाज की कई जमीनें खरीदने की शिकायत सामने आई है। इसको लेकर की गई एक शिकायत पर शासन स्तर से भी जांच के निर्देश मिले हैं। सभी पहलुओं को गहनता से खंगाला जा रहा है। इसके बाद ही कोई ठोस बात स्पष्ट होगी। - निखिल यादव, एसडीएम दुद्धी।

बघाड़ू में मुस्लिम समाज के एक व्यक्ति ने जनजाति समाज की दो महिलाओं को पत्नी की तरह रखा हुआ है। खुद के परिवार में उन्हें मुस्लिम बताया जाता है। वहीं बैनामे के वक्त उन्हें हिंदू बताते हुए पिता का नाम दर्शाकर जमीनें खरीदी जाती हैं। जमीन खरीदने के बाद उस पर गैर प्रांतों के मुस्लिमों को बसाया जा रहा है। इसकी शिकायत मैंने मुख्यमंत्री से की है। जांच के निर्देश दिए गए हैं। - नंदलाल गुप्ता, जिलाध्यक्ष।

प्रकरण गंभीर है। मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कड़ी कार्रवाई होगी। - अभिषेक वर्मा, एसपी।

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