समाचारो की सुर्खियों में अपने को बनाये रखने की आज़म खान की पुरानी आदत है।इस बार भारतीय सेना को बलात्कारी बता कर ऐसे फॅसे की उन्हीके धर्मगुरु और समाजवादी ओरटी के लोग ही उनके विरोधी हो गए है।पहलीबार घबराकर आज़मखान ने इतनी जल्दी अपने बयान से पलटी मारी है i
आजम खां ने फौजियों के संबंध में भूचाल लाने वाले अपने बयान पर सफाई दी है। अपने ताजा बयान में आजम ने कहा कि उन्होंने कभी भी आर्मी का मनोबल तोड़ने की बात नहीं की। हमेशा प्रधानमंत्री से यही कहा है कि देश की सेना का सिर काटने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की मां के पैर मत छुओ। बल्कि, फौजियों के सर काटने वालों से बदला लो।
आजम खान ने कहा कि देश का दलित-मुसलमान परेशान है। ''मैं फासीवादी ताकतों का आइटम गर्ल बन गया हूं बीजेपी के लिए मैं नफरत का एजेंडा हूं। मेरे खिलाफ नफरत फैलाकर बीजेपी को वोट मिलते हैं, मुझसे प्यार कीजिए, नफरत मत कीजिए। मैं बच्चों को पढ़ाता हूं, यूनिवर्सिटी चलाता हूं। मैंने मेडिकल कॉलेज बनाया है। छोटे घर में रहता हूं। मेरा काम देखिए।''
आजम खां के जारी बयान में कहा कि भारत सरकार ने फौजियों के मारे जाने पर कोई कदम नहीं उठाया, बल्कि सिर्फ श्रद्धांजलि अर्पित करने की औपचारिकता निभाई। देश के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत ताल्लुकात बढ़ाए।
आजम खान ने सेना पर गंभीर बयान देते हुए कहा, "हथियारबंद औरतों ने फौज को मारा और लाशों से जिस्म का जो हिस्सा काट कर ले गए वो हिन्दुस्तान की एक असल जिंदगी का बदला उठाती है. दहशतगर्द फौज के प्राइवेट पार्ट को काटकर साथ में ले गए, उन्हें हाथ से शिकायत नहीं थी, सर से नहीं थी पैर से नहीं थी जिस्म के जिस हिस्से से शिकायत थी उसे काट कर ले गए। इतना बड़ा संदेश है जिस पर पूरे हिन्दुस्तान को शर्मिंदा होना चाहिए और सोचना चाहिए कि हम दुनिया को क्या मुंह दिखाएं।"