सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को स्वीकार किया कि परिवार की कलह भी विधानसभा चुनाव में हार की एक वजह रही। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने वालों को पार्टी का संविधान पढ़ने की नसीहत दी। अखिलेश सपा के प्रदेश कार्यालय में मीडिया से मुखातिब थे।
उन्होंने कहा, एक वरिष्ठ पत्रकार ने हमें बताया कि परिवार में झगड़े की वजह से विधानसभा चुनाव में हार हुई है। इस पर अखिलेश से सवाल हुआ, क्या आप इससे सहमत हैं?
इस पर उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के बहुत से कारण रहे हैं। उनमें परिवार का झगड़ा भी एक कारण है। टीवी वालों को झगड़ा दिखाने के लिए हमारा ही घर मिला। झगड़े दूसरे जगह भी होते हैं। उन्होंने सवाल दागा कि किस परिवार में झगड़ा नहीं होता?
राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने की शिवपाल यादव की मांग पर अखिलेश ने कहा कि जो भी ऐसी बातें कर रहे हैं, उन्हें सपा का संविधान और निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस पढ़नी चाहिए। उन्होंने फिर दोहराया कि परिवार के विवाद पर बात करने के लिए कोई एक दिन तय कर लीजिए, सभी सवालों के जवाब देंगे।
हमने सबसे ज्यादा छुट्टियां कीं
अखिलेश ने कहा कि समाजवादियों ने सबसे ज्यादा छुट्टियां की हैं। इन्हें खत्म किए जाने पर बोले, कुल्हाड़ी तभी पेड़ काटती है, जब उसमें लकड़ी लगी होती है। कुछ विधायक हमारे पास छुट्टियों के लिए आए थे। हो सकता है अब वे छुट्टियां खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंच गए हों।
नोटबंदी से नहीं रुकीं नक्सली घटनाएं
अखिलेश ने सुकमा में नक्सली हमले में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सरकारों को रोडमैप बनाना चाहिए।
प्रधानमंत्री कहते थे कि नोटबंदी से नक्सली घटनाएं रुक जाएंगी लेकिन गंभीर मामले सामने आ रहे हैं। नोट कहां से आ रहे हैं, यह पता करना मुश्किल है, लेकिन नक्सलियों के पास असलहे, गोला-बारूद कहां से आ रहे हैं, इसका पता करना चाहिए। वे सुरक्षाकर्मियों की गन भी ले गए।
ईवीएम खराब भी की जा सकती है
सपा अध्यक्ष ने ईवीएम पर फिर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ही बता सकता है कि ईवीएम में क्या खराबी हुई और कैसे ठीक हुई।
यदि मशीन में की गड़बड़ी ठीक हो सकती है तो उसका कैलीब्रेशन बदला भी जा सकता है। बहराइच और मध्य प्रदेश में इसके उदाहरण सामने आए हैं। जो आदमी उसे ठीक करता है, वही खराब भी कर सकता है।
सपा को मजबूत करना लक्ष्य
महागठबंधन के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि अभी हमारा लक्ष्य संगठन को मजबूत करना है। दोस्ती भी मजबूत आदमी से की जाती है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी नेताओं में चल रही बातचीत की जानकारी देने से उन्होंने इन्कार किया।