इलाहाबाद में डेंगू से तीन और की मौत, अब भी बेपरवाह बना है सरकारी अमला!
हकीकत में कम और कागजों पर ज़्यादा हो रहा काम
प्रशासन ने डेंगू को लेकर अलर्ट जारी करते हुए मेडिकल अफसरों को अब रात में भी अस्पतालों में ही कैम्प करने का फरमान जारी किया है. इसके अलावा अस्पतालों में विशेष इंतजाम किए जाने और संदिग्ध मरीजों को अस्पताल तक लाने और वहां उनका पूरा चेकअप कराने के भी दावे किये गए हैं. अफसरान भी मान रहे हैं कि इलाहाबाद के हालात तेजी से खराब होते जा रहे हैं और अगले कुछ दिनों तक इमरजेंसी हालात में काम करने की ज़रुरत है. वैसे कड़वी सच्चाई यह है कि सरकारी अमला हकीकत में कम और कागजों पर ज़्यादा काम कर रहा है.
सरकारी अस्पतालों के रवैये में भी कोई ख़ास बदलाव नहीं
डेंगू को लेकर इलाहाबाद में सरकारी अमले द्वारा उठाए जा रहे कदम फिलहाल नाकाफी साबित हो रहे हैं. न तो साफ़-सफाई के कोई ठोस इंतजाम किये जा रहे हैं और न ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है. सरकारी अस्पतालों के रवैये में भी कोई ख़ास बदलाव नहीं है. ज़िम्मेेदार लोग डेंगू से बचाने के लिए कोई ठोस पहल करने के बजाय लोगों को खुद एहतियात बरतने की नसीहत ज़्यादा दे रहे हैं. यही वजह है कि ज़्यादातर लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के बजाय प्राइवेट हॉस्पिटल्स का रुख कर रहे हैं.
जानलेवा मच्छरों के डंक से बचने के लिए लोगों को सरकारी अमले पर ही निर्भर रहने के बजाय खुद भी पहल करनी चाहिए. घर व आस- पास पानी को जमा होने से रोकना चाहिए और साफ़ – सफाई के पुख्ता इंतजाम कर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना चाहिए.