नेपाल में बड़ा राजनीतिक बदलाव : संसद भंग, सुशीला कार्की ने संभाली अंतरिम सरकार की कमान

Update: 2025-09-13 02:25 GMT


काठमांडू। नेपाल की राजनीति में ऐतिहासिक घटनाक्रम दर्ज हुआ है। शुक्रवार देर रात 11 बजे हुई पहली कैबिनेट बैठक में संसद को औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया। इसके साथ ही देश में संघीय संसद के आम चुनाव 5 मार्च 2026 को कराने का ऐलान किया गया।

राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई। इसके साथ ही उन्होंने देश की अंतरिम सरकार की बागडोर अपने हाथों में ली।

हालांकि शपथग्रहण समारोह में राजनीतिक खींचतान साफ दिखाई दी। प्रतिनिधि सभा के स्पीकर देवराज घिमिरे (ओली की पार्टी से) और राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण दहाल (प्रचंड की पार्टी से) कार्यक्रम से दूर रहे। उनकी अनुपस्थिति को लेकर सियासी गलियारों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

यह घटनाक्रम उस समय हुआ जब नेपाल Gen Z आंदोलन और लगातार जारी प्रदर्शनों से गहरे राजनीतिक संकट से गुजर रहा था। युवाओं और आंदोलनकारी गुटों ने मांग की थी कि देश की कमान ऐसे नेतृत्व को मिले जिसकी छवि निष्पक्ष, ईमानदार और भ्रष्टाचार-विरोधी हो। इसी कारण सभी प्रमुख दलों, सेना और राष्ट्रपति की सहमति के बाद सुशीला कार्की को अंतरिम कार्यकाल के लिए चुना गया।

सुशीला कार्की: न्यायपालिका से सत्ता तक का सफर

जन्म और शिक्षा

सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को नेपाल के बिराटनगर में हुआ। 1975 में उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (वाराणसी, भारत) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की और 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल से कानून की पढ़ाई पूरी की।

करियर की शुरुआत

1979 में उन्होंने बिराटनगर से वकालत शुरू की। 1985 तक महेंद्र मल्टीपल कैंपस, धरान में राजनीति विज्ञान पढ़ाते हुए अकादमिक क्षेत्र से भी जुड़ी रहीं। 2007 में उन्हें सीनियर एडवोकेट का दर्जा मिला।

22 जनवरी 2009 को वे सुप्रीम कोर्ट में एड-हॉक जस्टिस नियुक्त हुईं और 18 नवंबर 2010 को स्थायी न्यायाधीश बनीं। जुलाई 2016 में वे नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) बनीं।

विवाद और पहचान

2017 में उनके खिलाफ नेपाली कांग्रेस और माओवादी केंद्र ने संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया। लेकिन जनता के दबाव और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यह प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। इस प्रकरण ने उन्हें और मज़बूत किया और उनकी छवि भ्रष्टाचार-विरोधी और लोकतंत्र की पैरोकार न्यायाधीश के रूप में स्थापित हुई।

निजी जीवन

सुशीला कार्की के पति दुर्गा प्रसाद सुबेदी नेपाली कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ नेता हैं। दोनों की मुलाकात पढ़ाई के दौरान वाराणसी में हुई थी।

आज का दौर

सुशीला कार्की की पहचान एक ईमानदार, निडर और वंचित वर्गों की पक्षधर नेता के रूप में रही है। यही कारण है कि मौजूदा राजनीतिक संकट के बीच उन्हें अंतरिम सरकार की कमान सौंपी गई। अब उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वे 5 मार्च 2026 को होने वाले आम चुनावों को शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कराएँ।

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