इथियोपिया दौरे का दूसरा दिन : प्रधानमंत्री मोदी ने संसद को किया संबोधित, भारत–अफ्रीका साझेदारी को बताया भविष्य की दिशा

Update: 2025-12-17 11:57 GMT


रिपोर्ट : विजय तिवारी

अदीस अबाबा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इथियोपिया दौरे का दूसरा दिन भारत–अफ्रीका संबंधों के लिहाज से बेहद अहम रहा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपिया की संसद को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक मित्रता, साझा मूल्यों और भविष्य की रणनीतिक साझेदारी पर विस्तार से प्रकाश डाला। उनका यह संबोधन न केवल कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि भारत की अफ्रीका नीति का स्पष्ट संदेश भी देता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत इथियोपिया की प्राचीन सभ्यता, स्वतंत्रता की भावना और लोकतांत्रिक मूल्यों की सराहना से की। उन्होंने कहा कि भारत और इथियोपिया के संबंध सदियों पुराने हैं और व्यापार, संस्कृति तथा लोगों के आपसी संपर्क ने इन रिश्तों को मजबूत किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश विकासशील राष्ट्र हैं और समान चुनौतियों के बीच सहयोग के नए अवसर तलाश सकते हैं।

पीएम मोदी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, आईटी, डिजिटल भुगतान, स्टार्टअप और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में भारत के अनुभव साझा करने की बात कही। उन्होंने बताया कि भारत इथियोपिया में क्षमता निर्माण, छात्रवृत्ति, तकनीकी प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में निरंतर सहयोग कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक, सिंचाई और खाद्य प्रसंस्करण में संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर भी बल दिया।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में वैश्विक मुद्दों पर भी भारत का दृष्टिकोण रखा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य संकट और वैश्विक आर्थिक असमानता जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए विकासशील देशों की एकजुट आवाज जरूरी है। उन्होंने अफ्रीका की भूमिका को वैश्विक मंचों पर और सशक्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार की मांग दोहराई।

पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की अफ्रीका नीति “साझेदारी, सम्मान और आपसी लाभ” पर आधारित है, न कि किसी प्रकार की शर्तों या निर्भरता पर। उन्होंने कहा कि भारत अफ्रीकी देशों के साथ दीर्घकालिक, टिकाऊ और विश्वास आधारित संबंध चाहता है।

इथियोपिया की संसद में प्रधानमंत्री के संबोधन का सदस्यों ने तालियों के साथ स्वागत किया। कई सांसदों ने भारत की विकास यात्रा, डिजिटल क्रांति और सामाजिक समावेशन के प्रयासों की सराहना की। माना जा रहा है कि इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, बुनियादी ढांचे और तकनीकी सहयोग को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत हुई है, जिससे आने वाले समय में द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

विशेषज्ञों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा और संसद में दिया गया संबोधन भारत–अफ्रीका संबंधों को नई ऊंचाई देने वाला साबित होगा। यह न केवल राजनीतिक और आर्थिक सहयोग को मजबूत करेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच जन-जन के स्तर पर विश्वास और साझेदारी को भी नई दिशा देगा।

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