ईरान में मानवाधिकारों पर फिर सवाल नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नर्गेस मोहम्मदी पर हिरासत में कथित हमला,
डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी
तेहरान।
ईरान में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी को हिरासत में लिए जाने के बाद कथित रूप से शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का मामला सामने आया है। उनके परिवार की ओर से जारी बयान और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, हिरासत के दौरान उनके साथ मारपीट की गई, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई और उन्हें दो बार आपातकालीन कक्ष (इमरजेंसी रूम) में इलाज कराना पड़ा।
परिवार का कहना है कि नर्गेस मोहम्मदी को पिछले सप्ताह अन्य ईरानी सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लिया गया था। हिरासत के दौरान कथित हमले के कारण उन्हें गंभीर चोटें आईं, जिनमें तेज दर्द, कमजोरी और आंतरिक चोटों की आशंका जताई गई। हालात बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा, जहां डॉक्टरों ने तत्काल उपचार की सलाह दी।
गंभीर आरोप और परिवार का खंडन
परिजनों के अनुसार, ईरानी अधिकारियों ने नर्गेस मोहम्मदी पर विदेशी ताकतों, विशेष रूप से इज़राइल के साथ काम करने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए हैं। परिवार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि नर्गेस मोहम्मदी लंबे समय से महिलाओं के अधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक बंदियों के मुद्दों पर शांतिपूर्ण तरीके से आवाज उठाती रही हैं। उनका कहना है कि मानवाधिकार गतिविधियों के कारण ही उन्हें बार-बार निशाना बनाया जा रहा है।
मानवाधिकार संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम के बाद अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने गहरी चिंता जताई है। संगठनों का कहना है कि नोबेल पुरस्कार विजेता के साथ इस तरह का व्यवहार न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह ईरान में असहमति की आवाज़ों के दमन की स्थिति को भी दर्शाता है। उन्होंने ईरानी प्रशासन से नर्गेस मोहम्मदी की तत्काल सुरक्षा, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच, तथा पूर्ण चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने की मांग की है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है। कई देशों और वैश्विक संस्थाओं ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण विरोध और मानवाधिकार रक्षकों की सुरक्षा पर जोर दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि ईरान में मानवाधिकारों की समग्र स्थिति को उजागर करता है।
फिलहाल, ईरानी अधिकारियों की ओर से इन आरोपों पर कोई विस्तृत या स्पष्ट आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, नर्गेस मोहम्मदी की सेहत और सुरक्षा को लेकर उनके समर्थकों और मानवाधिकार संगठनों की चिंता बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पारदर्शी कार्रवाई और जवाबदेही की मांग के साथ घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए है।