इंडिगो में परिचालन संकट गहराया — 200 से ज़्यादा उड़ानें रद्द, देशभर में अफरा-तफरी; क्रू-कमी, नए FDTL नियम और तकनीकी दिक्कतें बनीं वजह

Update: 2025-12-04 05:19 GMT

रिपोर्ट — विजय तिवारी

नई दिल्ली / मुंबई / हैदराबाद / बैंगलुरु।

भारत की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन IndiGo बीते तीन दिनों से गंभीर परिचालन अव्यवस्था से जूझ रही है। 2 से 4 दिसंबर 2025 के बीच देशभर में 150 से लेकर 200 से अधिक उड़ानें रद्द की गईं, जबकि सैकड़ों उड़ानें 3 से 10 घंटे की देरी से चलीं। इसका सबसे बड़ा असर दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई, अहमदाबाद और कोलकाता एयरपोर्ट पर दिखाई दिया, जहां यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

अचानक शुरू हुई इस नेटवर्क-विफलता के कारण एयरपोर्टों पर यात्री घंटों तक लाइन में खड़े रहे, कई लोगों को बिना पूर्व सूचना फ्लाइट रद्द होने का संदेश मिला, जबकि कई यात्रियों को रात एयरपोर्ट पर बितानी पड़ी। सोशल मीडिया पर भी भारी नाराज़गी देखने को मिली।

क्यों बिगड़ी स्थिति — संकट के पीछे मुख्य कारण

1. क्रू-कमी और नए FDTL नियम

नवंबर 2025 से लागू DGCA के नए Flight Duty Time Limitation (FDTL) नियमों के तहत पायलटों की कार्य-अवधि घटा दी गई तथा विश्राम अनिवार्य बढ़ाया गया। इससे अचानक बड़ी संख्या में फ्लाइट क्रू ऑपरेशन के लिए उपलब्ध नहीं रहे।

पायलट संगठनों ने कहा कि एयरलाइन लंबे समय से कम स्टाफ और अधिक उड़ान की नीति पर निर्भर थी, जिसका यह परिणाम है।

2. तकनीकी गड़बड़ियाँ और सर्द मौसम

कई एयरपोर्टों पर चेक-इन, बैगेज और departure control system में गड़बड़ी सामने आई। सर्द मौसम, एयर-ट्रैफिक भीड़ और दृश्यता समस्याओं ने देरी बढ़ा दी।

3. नेटवर्क चेन-रिएक्शन

IndiGo रोजाना करीब 2,200 उड़ानें संचालित करती है। इतनी विशाल नेटवर्क प्रणाली में एक उड़ान रद्द या विलंब होने से “डोमिनो इफेक्ट” बनता है — जो पूरी संचालन श्रृंखला को अव्यवस्थित करता है।

4. पायलटों और प्रबंधन के बीच तनाव

सूत्रों के अनुसार, कई क्रू सदस्य बेहतर अवसरों के लिए विदेशी एयरलाइनों की भर्ती प्रक्रिया में हैं, जिससे उपलब्धता और कम हो गई।

यात्रियों की परेशानी — देशभर में अफरा-तफरी

यात्रियों ने कहा कि एयरलाइन की ओर से सूचना अत्यंत देर से दी गई, कई फ्लाइटें गेट पर बोर्डिंग से ठीक पहले रद्द हुईं।

बुज़ुर्ग, बच्चों वाले परिवार और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिंग फ्लाइट वाले लोग सबसे अधिक परेशान हुए।

सोशल मीडिया पर यात्रियों ने वीडियो साझा किए जिनमें एयरपोर्ट पर लंबी कतारें, भीड़ और स्टाफ की अनुपस्थिति दिखाई दी।

कई लोगों को यात्रा रद्द करनी पड़ी, टिकट शुल्क और होटल-बुकिंग का नुकसान झेलना पड़ा।

एयरलाइन और सरकार की प्रतिक्रिया

DGCA ने एयरलाइन से विस्तृत रिपोर्ट और सुधार-योजना प्रस्तुत करने को कहा है।

IndiGo प्रबंधन ने आधिकारिक बयान जारी कर माफी मांगते हुए कहा है—

“हमारा नेटवर्क अस्थायी रूप से बाधित हुआ है। हम अगले 48 घंटों में परिचालन सामान्य करने के लिए कैलिब्रेटेड शेड्यूल एडजस्टमेंट कर रहे हैं।”

कंपनी ने प्रभावित यात्रियों को फुल रिफंड, मुफ्त री-बुकिंग और ट्रैवल क्रेडिट देने की घोषणा की है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह संकट

यात्रा के पीक-सीज़न में इतने बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने से भारतीय विमानन क्षेत्र की तैयारियों पर सवाल उठे।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना दिखाती है कि सुरक्षा और क्रू-कल्याण नियमों, नेटवर्क प्रबंधन और मानव संसाधन की मजबूती का संतुलन न होने पर बड़ा संकट पैदा हो सकता है।

यात्रियों का भरोसा बहाल करना अब इंडिगो की सबसे बड़ी चुनौती है।

IndiGo का यह संकट सिर्फ एक तकनीकी या स्टाफ-समस्या नहीं, बल्कि विमानन क्षेत्र के प्रबंधकीय ढांचे की गंभीर कमजोरी का संकेत है।

यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइन को अब स्थाई मानव-संसाधन नीति, बेहतर शेड्यूलिंग, प्रबंधन पारदर्शिता और तकनीकी मजबूती पर ध्यान देना होगा।

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