शीतलहर में नवजात और बच्चों का रखें खास ख्याल

Update: 2021-01-16 15:41 GMT


वाराणसी/सेवापुरी

शीतलहर ने आम जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर रखा है। ठंड के मौसम में स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही परेशानी का सबब बन सकती है। ऐसे में नवजात और पाँच वर्ष तक के बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। उक्त बातें हीरमपुर में आयोजित टीकाकरण शिविर कैम्प के जरिये घर-घर जाकर महिलाओं को जागरूक करते हुये एएनएम सुनीता ने कही।

उन्होंने बताया कि कड़ाके की ठंड के बीच बच्चों में भी तेज़ी से सर्दी, खांसी व बुखार का असर देखने को मिल रहा है। बच्चे तेजी से न्यूमोनिया (निमोनिया) की चपेट में आ रहे हैं। निमोनिया के साथ ही बच्चों में ठंड के कारण कोल्ड डायरिया (दस्त) के भी लक्षण देखे जा रहे हैं। उन्होने बताया कि निमोनिया का संक्रमण ठंड बढ़ने से शिशुओं में जकड़न, बुखार, ब्रोंकाइटिस (गले में संक्रमण) की संभावना बढ़ जाती है। शिशुओं को पहले सर्दी, जुकाम, गले में खरांस आदि होने के एक दिन बाद सांस का तेज गति के आवाज के साथ चलना, नाक का फड़फड़ाना, बदन का नीला पड़ना, शरीर व पेट में दर्द होना, बेचैनी होना, ऑक्सीज़न की कमी के कारण लगातार दौरा पड़ना और अंत में शरीर में जकड़न आना आदि लक्षण हैं। इससे नवजात शिशुओं को बचाकर रखने का आह्वाहन किया।उन्होंने लोगो को आगाह किया कि ठंड में बच्चों को स्वच्छ व उबला हुआ गुनगुना पानी दें,हाथ पैर खुला न छोड़े।बच्चों को गर्म कपड़े पहना कर रखें। बच्चों को उल्टी, दस्त व बुखार होने पर बिना समय गवाएं अपने नजदीकी अस्पताल में जाकर चिकित्सक या विशेषज्ञ को दिखाएं और चिकित्सक के बताए अनुसार जांच कराये।

रिपोर्ट:-विनोद कुमार सिंह

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