ब्यूरो रिपोर्ट/चंदौली....
चंदौली। रेलवे बोर्ड ने दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (DDU) की सुरक्षा व्यवस्था को और धारदार बनाने के उद्देश्य से बड़ा प्रशासनिक बदलाव किया है। बोर्ड ने वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त (RPF) दिनेश सिंह तोमर को तत्काल प्रभाव से DDU का सीनियर डीएससी नियुक्त किया है। इसके साथ ही DDU में तैनात सीनियर डीएससी जेथिन बी. राज का स्थानांतरण उत्तर–पूर्व सीमांत रेलवे (NFR) के लुमडिंग मंडल (LMG) कर दिया गया है।
रेलवे बोर्ड के आदेश संख्या 2025/सेक(ई)/टीआर-2/3 (13) दिनांक 11 दिसंबर 2025 के तहत दोनों अधिकारियों को जल्द से जल्द अपने-अपने नए पदस्थापन पर कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है। आदेश निदेशक/RPF विनीत खर्ब की ओर से जारी हुआ।
जेथिन बी. राज: शांत, प्रभावी और रिकॉर्डतोड़ कार्रवाई का दो वर्ष चार माह का कार्यकाल
अगस्त 2023 में दक्षिण रेलवे के सलेम से स्थानांतरण पाकर DDU पहुंचे सीनियर डीएससी जेथिन बी. राज ने लगभग ढाई साल के कार्यकाल में अपने लिए एक अलग पहचान बनाई। उनकी पहचान एक सख्त, ईमानदार और विवादों से दूर अधिकारी की रही। बता दें कि DDU में चर्चा में रहे रेलवे पेंशन घोटाले में पुलिस और रेलवे सुरक्षा एजेंसियां जब पसीना पोंछ रही थीं, तब आरोपी युवराज सिंह को पकड़कर जेल भेजने में जेथिन बी. राज ने निर्णायक भूमिका निभाई। यह कार्रवाई रेलवे सुरक्षा बल की बड़ी उपलब्धियों में गिनी जाती है, वहीं रेल यात्रियों को दहला देने वाली घटना—दो RPF जवानों की हत्या—का सफल अनावरण उनकी टीम की बड़ी सफलता रही। इस प्रकरण में शामिल एक अपराधी का गाजीपुर में पूर्व एनकाउंटर भी हुआ था। मामले की दिशा तय करने में राज की रणनीति महत्वपूर्ण रही। अन्य कारवाइयों की बात करें तो जेथिन बी राज द्वारा स्क्रैप की बिक्री में अनियमितताओं पर सख्त चलते हुए उन्होंने एक सेक्शन इंजीनियर को जेल भेजवाया। रेलवे संपत्ति की चोरी रोकने, तोड़फोड़ रोकने और अनियमितताओं को खत्म करने के लिए कई विशेष अभियान चलाए। वहीं सबसे बड़ी उपलब्धि रही शराब तस्करी पर लगाम - बता दें कि जिला पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर शराब तस्करी पर नकेल कसने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण नेतृत्व किया। उनके द्वारा संचालित ऑपरेशन में कई गिरोह धराशायी हुए और तस्करों की कमर टूट गई।
राज अपने पूरे कार्यकाल में कभी विवादों में नहीं फंसे, बल्कि उनकी पहचान ‘परिणाम आधारित कार्रवाई’ वाले अधिकारी की रही। उनके तबादले की खबर से रेलवे में उनकी उपलब्धियों की चर्चा पुनः ताज़ा हो गई।
तोमर की वापसी से सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होने की उम्मीद
बिलासपुर (SECR) में सीनियर डीएससी के रूप में कार्यरत दिनेश सिंह तोमर DDU जंक्शन से अच्छी तरह परिचित हैं।स्थानीय सुरक्षा और रेलवे सूत्र का मानना है कि उनकी वापसी से DDU-चंदौली रेल सेक्शन की सुरक्षा व्यवस्था और अधिक सख्त, रणनीतिक और सक्रिय होने की उम्मीद है।तोमर पहले भी DDU में कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रह चुके हैं और उनकी छवि एक अनुशासित, फील्ड-फोकस्ड और निर्णायक अधिकारी की है।
बता दें कि रेलवे बोर्ड ने आदेश के साथ ही सभी संबंधित महाप्रबंधकों, पीसीएससी, RPFS मुख्यालय, RPF अकादमी लखनऊ, लेखा परीक्षकों और तकनीकी शाखाओं को आवश्यक कार्रवाई और सूचना पंजीकरण के निर्देश दिए हैं। RPF की वेबसाइट और वेबपेज पर इसे अपडेट करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
विदित हो कि DDU पूर्व मध्य रेलवे का सबसे महत्वपूर्ण जंक्शन है। प्रतिदिन हजारों यात्रियों, दर्जनों मालगाड़ियों और कई संवेदनशील ट्रेनों के आवागमन के चलते यहाँ सुरक्षा को हमेशा उच्च प्राथमिकता में रखा जाता है। टू-डीएससी स्तर पर इस प्रकार के बड़े बदलाव को आने वाले महीनों में सुरक्षा रणनीति के लिहाज से अहम माना जा रहा है।स्थानीय रेलवे कर्मियों और अधिकारियों के अनुसार, तोमर के आगमन के साथ जंक्शन पर गश्त तेज होगी,संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ेगी,तस्करी और रेल संपत्ति से जुड़े अपराधों पर और सख्ती आएगी।
हालांकि आपको बता दें कि दिनेश सिंह तोमर का नाता विवादों से घिरा रहा है और उनकी पोस्टिंग चर्चा का विषय भी बनी है। सूत्रों की माने तो उनके व्यवहार के खिलाफ मानवाधिकार आयोग ने उनकी सेवा और कार्यशैली पर 11 बिंदुओं में शिकायत की है।