रिपोर्ट : विजय तिवारी
अबू धाबी में आयोजित मिनी नीलामी में भारतीय क्रिकेट को एक नया सितारा मिला है। उत्तर प्रदेश के प्रशांत वीर ने इस नीलामी में रिकॉर्ड बनाते हुए टूर्नामेंट इतिहास के सबसे महंगे अनकैप्ड खिलाड़ी बनने की उपलब्धि हासिल की। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने उन्हें 14.20 करोड़ रुपये की बड़ी बोली लगाकर अपनी टीम में शामिल किया। यह सौदा न केवल प्रशांत के करियर का टर्निंग प्वाइंट है, बल्कि घरेलू क्रिकेट से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच की दहलीज तक पहुंचने की एक प्रेरक कहानी भी है।
अमेठी से अंतरराष्ट्रीय मंच तक का सफर
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के रहने वाले प्रशांत वीर की शुरुआती शिक्षा ब्लॉक संग्रामपुर स्थित भारद्वाज एकेडमी और केपीएस स्कूल में हुई। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति उनकी गहरी रुचि रही। इसी जुनून ने उन्हें शहर के भीमराव अंबेडकर स्टेडियम तक पहुंचाया, जहां अनुभवी क्रिकेट कोच गालिब अंसारी के मार्गदर्शन में उन्होंने तकनीकी और मानसिक रूप से खेल को निखारना शुरू किया।
स्पोर्ट्स हॉस्टल और शिक्षा के साथ क्रिकेट
प्रशांत की प्रतिभा जल्द ही सामने आई और उनका चयन स्पोर्ट्स हॉस्टल मैनपुरी में हो गया। यहीं से उन्होंने कक्षा 9 और 10 की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने सहारनपुर से इंटरमीडिएट की परीक्षा इस वर्ष सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की। पढ़ाई और क्रिकेट—दोनों में संतुलन बनाते हुए उन्होंने लगातार प्रदर्शन से चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा।
अंडर-19 स्तर पर पहचान
प्रशांत वीर स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया की अंडर-19 टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस स्तर पर उनके अनुशासित खेल, निरंतरता और मैच-फिनिशिंग क्षमता ने उन्हें अलग पहचान दिलाई। यही प्रदर्शन आगे चलकर फ्रेंचाइज़ी स्काउट्स की नजर में आया।
सीएसके की रणनीति और बड़ी बोली
चेन्नई सुपर किंग्स ने मिनी नीलामी में प्रशांत वीर पर भरोसा जताते हुए भारी निवेश किया। टीम मैनेजमेंट का मानना है कि प्रशांत की तकनीक, फिटनेस, दबाव में खेलने की क्षमता और सीखने की ललक उन्हें लंबे समय के लिए उपयोगी खिलाड़ी बनाती है।
नीलामी के बाद प्रशांत वीर को देशभर से बधाइयों का सिलसिला जारी है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट से जुड़े प्रशिक्षकों और खेल प्रेमियों में उत्साह है। सीएसके कैंप में शामिल होने से पहले वे फिटनेस और स्किल सेशन पर फोकस करेंगे, ताकि आगामी सीजन में टीम की उम्मीदों पर खरे उतर सकें।
अमेठी के एक साधारण परिवार से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर 14.20 करोड़ की बोली तक पहुंचना—प्रशांत वीर की यह यात्रा मेहनत, अनुशासन और सही मार्गदर्शन की मिसाल है। उनकी सफलता प्रदेश के उभरते खिलाड़ियों के लिए नई राह और नई उम्मीद लेकर आई है।