प्रयागराज में अपराधियों पर अब तक का सबसे बड़ा शिकंजा, पुलिस ने बदला गैंगवार का पूरा नक्शा — टॉप–10 की नई लिस्ट तैयार, कई गैंग बेनकाब होने की कगार पर
रिपोर्ट : डॉ. अनुज प्रताप सिंह
प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट ने वह कदम उठाया है जिसका इंतजार कई महीनों से था। अतीक अहमद की मौत के बाद पहली बार जिले के सबसे खतरनाक अपराधियों की टॉप–10 नई लिस्ट तैयार की जा रही है। पुलिस का दावा है कि यह सूची सिर्फ नामों का संग्रह नहीं, बल्कि प्रयागराज के बदलते अपराध-तंत्र का पूरा ब्लूप्रिंट है। इस सूची में शामिल अपराधियों के नेटवर्क, उनकी आर्थिक जड़ें, गैंग के सक्रिय सदस्य और बाहरी राज्यों तक फैल चुकी कड़ियों पर भी विस्तृत पड़ताल की जा रही है।
अतीक की मौत के बाद अपराध जगत में ‘शक्ति-संतुलन’ टूटा, नए गैंग उभरकर सामने आए
15 अप्रैल 2023 को पुलिस कस्टडी में अतीक और अशरफ की हत्या ने प्रयागराज के अंडरवर्ल्ड को हिला तो दिया, लेकिन साथ ही इसने शक्ति-शून्य पैदा कर दिया।
इस खाली जगह को भरने के लिए अलग-अलग इलाकों के नए और पुराने अपराधियों ने अपने-अपने गैंगों को फिर से संगठित करना शुरू किया। पुलिस के अनुसार, पिछले 18-20 महीनों में जिले में छोटे स्तर के अपराधियों की तेजी से ग्रोथ हुई है, जो अब खुद को बड़े गैंग में बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
इसी वजह से पुलिस को यह नई सूची तैयार करनी पड़ी, ताकि जिले में कौन असल में खतरनाक है, यह स्पष्ट हो सके।
आबान अहमद पर भी कड़ी नज़र — पुलिस हर एंगल से पड़ताल में जुटी
जांच टीम ने अतीक के सबसे छोटे बेटे आबान अहमद की गतिविधियों को भी गंभीरता से लिया है। हाल ही में उसका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें बैकग्राउंड में धमकी भरे डायलॉग सुनाई दिए।
वीडियो शूट करने वाले युवक से पूछताछ में पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि —
क्या आबान किसी पुराने नेटवर्क से जुड़ रहा है?
क्या उसके आसपास के लोग पुराने गैंग के सदस्य हैं?
वीडियो का उद्देश्य क्या था—मस्ती, शक्ति-प्रदर्शन या गैंग का संदेश?
सूत्र बताते हैं कि आबान के कई परिचितों को भी नोटिस भेजे गए हैं, और उनके कॉल रिकार्ड, सोशल मीडिया कनेक्शन और यात्रा इतिहास खंगाले जा रहे हैं।
सबसे ऊपर वसीम उर्फ विक्की — लेकिन पुलिस के रडार पर सिर्फ मुकदमे नहीं, पूरा नेटवर्क
प्रयागराज के Top - 09 अपराधियों की पहचान में पुलिस ने सिर्फ मुकदमों की संख्या नहीं देखी, बल्कि इन अपराधियों की—
आर्थिक ताकत
गैंग की सक्रियता
बाहरी जिलों से संपर्क
जमीन कब्ज़े के पैटर्न
हथियार सप्लाई चैन
राजनीतिक और प्रशासनिक कनेक्शन
जैसे कारकों का विशेष विश्लेषण किया है।
नई सूची में शामिल 9 कुख्यात अपराधी -
1. विक्की उर्फ़ वसीम (शाहगंज) – 30 गंभीर केस, अवैध वसूली व गैंग संचालित करने के आरोप
2. मोहम्मद मुज़फ़्फ़र (नवाबगंज/कौडिहार प्रमुख) – 32 केस, पशु तस्करी, रंगदारी, हत्या और राजनीतिक प्रभाव
3. राजेश यादव (झूंसी) – 27 मुकदमे, जिला–स्तरीय नेटवर्क, जमीन कब्ज़े में सक्रियता
4. स्वदेश उर्फ़ शीलू (होलागढ़) – 16 केस, हथियारों की सप्लाई और स्थानीय गैंग गतिविधियाँ
5. जितेंद्र भारतीय (थरवई) – 23 केस, आपराधिक गठजोड़ और उगाही
6. गोलू भारतीय (थरवई) – 15 केस, झगड़े, हमले और अवैध गतिविधियों का संचालन
7. अतुल सिंह (सराय इनायत) – 12 केस, भूमि विवादों में गैंग की भूमिका
8. जावेद उर्फ़ पप्पू (करछना) – 28 केस, पुराने गैंग से संबंध, आर्थिक उगाही
9. दिलीप मिश्र (करछना) – 29 केस, आपराधिक प्रभाव व इलाके में कब्ज़े की घटनाएँ
पुलिस का कहना है कि यह सूची पहली नज़र में भले ही संख्या आधारित लगे, लेकिन हर नाम के पीछे पूरी जांच, डॉसियर और सॉलिड इंटेलिजेंस है।
टॉप–10 लिस्ट फाइनल होते ही जिले में चलेगा ‘ऑपरेशन क्लीन’
एडिशनल कमिश्नर ऑफ़ पुलिस अजय पाल शर्मा ने साफ कहा है कि प्रयागराज में अपराधियों के लिए अब “सेफ ज़ोन” जैसी कोई चीज़ नहीं बचेगी।
पुलिस ने पहले से ही कई स्तरों पर तैयारी शुरू कर दी है—
पुलिस की आगामी रणनीति :
गैंग की संपत्तियों की पहचान और कुर्की
जेल में बंद अपराधियों से जुड़ी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी
हथियारों की सप्लाई चेन पर सीधा प्रहार
डिजिटल निगरानी—सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाई जाएगी
अवैध वसूली, कब्ज़ा और धमकी की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई संदिग्ध ठिकानों पर सीरियल रेड
सूत्रों के मुताबिक, सूची फाइनल होते ही पुलिस जिले में “ऑपरेशन क्लीन प्रयागराज” की शुरुआत कर सकती है, जिसमें अपराधियों के खिलाफ चरणबद्ध कार्रवाई होगी।
प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था का ‘रोल मॉडल’ बनने की तैयारी
अतीक अहमद के दौर के बाद प्रयागराज में अपराध का स्वरूप बदला है। अब पुलिस उसी के अनुरूप स्मार्ट, इंटेलिजेंस-बेस्ड और टारगेटेड एक्शन की ओर बढ़ रही है।
नई लिस्ट तैयार होने के बाद जिले में कानून–व्यवस्था को लेकर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।