रेलवे स्टेशन पर ‘घंटी राज’: नियम दरकिनार, यात्रियों की जान खतरे में..!

Update: 2025-05-13 12:51 GMT


बिना टेंडर कमर्शियल दुकानें, खुलेआम एलपीजी का इस्तेमाल; अधिकारियों की चुप्पी सवालों के घेरे में

विशेष रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव संग मोहम्मद अफजल

चंदौली/डीडीयू नगर: रेलवे विभाग में इन दिनों एक नाम की बड़ी चर्चा है—दीपक सिंह उर्फ ‘घंटी’। वर्षों से रेलवे का पेटी कांट्रेक्टर रह चुका यह शख्स आज इस कदर प्रभावशाली हो चुका है कि डीआरएम कार्यालय के सामने निजी साम्राज्य चलाता नजर आता है। कोई अधिकारी उससे वैध कागजात नहीं मांगता, न कोई पूछताछ करता है।

बता दें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के मुख्य द्वार पर स्थित डीलक्स क्लॉक रूम एवं शौचालय भवन में यात्रियों के लिए वातानुकूलित डॉरमेट्री, प्रतीक्षालय और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। लेकिन इन्हीं सुविधाओं की आड़ में घंटी सिंह ने दो दुकानें अवैध रूप से किराये पर दे रखी हैं, जिनमें 24 घंटे चाय-नाश्ता, बेकरी और खाद्य सामग्री बेची जाती हैं।

न अग्निशमन व्यवस्था, न बिजली मीटर

इन दुकानों में न तो बिजली का कोई वैध कनेक्शन है और न ही फायर सेफ्टी से जुड़े उपकरण। यहां तक कि दुकान संचालक खुलेआम एलपीजी सिलेंडरों का इस्तेमाल करते हैं। कई बार एक साथ कई चूल्हे जलते देखे गए हैं। ऐसे में यात्रियों की जान पर खतरा मंडरा रहा है।रेलवे ने पहले ही पैंट्रीकारों और प्लेटफॉर्म स्टालों पर एलपीजी के उपयोग पर रोक लगाई है। लेकिन ‘घंटी सिंह’ की दुकानें नियमों से ऊपर दिखाई देती हैं।

रेलवे की चुप्पी—कहीं न कहीं संरक्षण की बू...

सूत्रों की मानें तो दीपक सिंह रेलवे अधिकारियों का वर्षों से सेवक बना हुआ है। इसी का फायदा उठाकर उसे बिना टेंडर कई कार्य सौंपे गए हैं। यहां तक कि रेल आवासों पर अवैध कब्जा कर वातानुकूलित कार्यालय तक बनवा लिया गया है। बता दें कि सीबीआई जांच और छापेमारी के बावजूद न तो उसकी पहुंच घटी, न ही गतिविधियों पर कोई अंकुश लगा।फिलहाल गर्मी के मौसम में आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं। रेलवे के पास अब खुद का अग्निशमन दल नहीं बचा है, ऐसे में किसी आपदा की स्थिति में रेलवे और फायर डिपार्टमेंट के पास सीमित संसाधन ही हैं। पूरे प्रकरण में बड़ा सवाल उठकर सामने आता है कि बगैर अनुमति, बगैर सुरक्षा, बगैर जवाबदेही—दीपक सिंह उर्फ घंटी द्वारा की जा रही यह गतिविधियां न केवल रेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि ये यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक ‘घंटी’ भी हैं।

Similar News