बेंगलुरु में 7.11 करोड़ की दिनदहाड़े लूट: ‘सरकारी अधिकारी’ बनकर कैश वैन से नकदी उड़ाई, पुलिस ने कहा—“पूरी तरह योजनाबद्ध अपराध”

Update: 2025-11-20 11:39 GMT


डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी

बेंगलुरु में बुधवार दोपहर हुई बहु-करोड़ की लूट ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। CMS Info Systems की एटीएम कैश वैन, जो HDFC बैंक की जेपी नगर शाखा से नकदी लेकर रूट पर निकली थी, रास्ते में जालसाजों की एक संगठित टीम के निशाने पर आ गई। गिरोह ने खुद को सरकारी एजेंसी के अधिकारी बताकर वैन को रोका और 7 करोड़ 11 लाख रुपये की नकदी लेकर फरार हो गया।

घटना का क्रम — जाँच एजेंसियों द्वारा पुष्टि किए गए मुख्य तथ्य

1. वैन कहाँ से चली और कैसे रोकी गई?

वैन ने HDFC बैंक, जेपी नगर शाखा से नकदी लोड की थी।

दोपहर में वैन जब अगली एटीएम साइट की ओर जा रही थी, तभी अशोक पिलर (Ashoka Pillar) के आसपास उसे रोका गया।

घटनास्थल को बाद में पुलिस ने बैरिकेड कर फॉरेंसिक निरीक्षण किया।

2. कौन आया वैन को रोकने?

गिरोह एक ग्रे रंग की टोयोटा इनोवा में आया।

इनोवा पर बड़े अक्षरों में “GOVT OF INDIA” लिखा था—यही देखकर वैन स्टाफ को लगा कि ये कोई आधिकारिक टीम है।

रिपोर्ट्स के अनुसार गिरोह की संख्या 7 से 8 के बीच थी।

3. वैन स्टाफ को कैसे कंट्रोल किया गया?

लुटेरों ने दस्तावेज़ जांच के नाम पर ड्राइवर और गनमैन को गाड़ी से उतरने को कहा।

नकदी देखना और सत्यापन बताकर स्टाफ को इनोवा में बैठा दिया गया।

स्टाफ को थोड़ी दूरी पर अलग स्थान पर छोड़ा गया।

4. नकदी कैसे ले जाई गई?

वैन के ट्रंक में मौजूद 7.11 करोड़ रुपये गिरोह ने अपनी गाड़ी में शिफ्ट कर लिए।

पुलिस के मुताबिक नकदी का ट्रांसफर डेयरी सर्कल फ्लाईओवर के पास कराया गया।

जांच में क्या सामने आया?

1. DVR गायब

CMS वैन का DVR निकाला गया था।

पुलिस ने इसे स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि—

“वैन के आंतरिक कैमरों की फुटेज उपलब्ध नहीं है।”

2. नंबर प्लेट फर्जी होने की पुष्टि

जांच में जो इनोवा की तस्वीर CCTV से मिली है, उसके नंबर प्लेट की प्रारंभिक जांच में फर्जी होने की संभावना पाई गई है।

इस पर भी पुलिस ने कहा—

“नंबर प्लेट असली नहीं लग रही, हम वाहन की ट्रेसिंग कर रहे हैं।”

3. गिरोह को पहले से रूट की जानकारी

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा—

“यह वारदात अचानक नहीं हो सकती। नकदी मूवमेंट और रूट की जानकारी पहले से अपराधियों को थी। यह एक योजनाबद्ध अपराध है।”

पुलिस की कार्रवाई—क्या-क्या कदम उठाए गए?

शहर के 200 से अधिक CCTV कैमरों की फुटेज जब्त की गई।

सभी मुख्य हाईवे, आउटर रिंग रोड और टोल पॉइंट पर अलर्ट जारी है।

CMS और HDFC बैंक के संबंधित स्टाफ से पूछताछ की जा रही है।

जिस मार्ग से वैन निकली और जिस दिशा में इनोवा गई—दोनों की डिजिटल मैपिंग की जा रही है।

एक वरिष्ठ अधिकारी के बयान में कहा गया :

“हमें वैन के स्टाफ, रूट और समय से जुड़े बिंदुओं की पूरी जांच करनी है। किसी भी एंगल को अभी बाहर नहीं किया जा रहा।”

अब तक क्या निश्चित तथ्य माने गए हैं?

यह दिनदहाड़े हुई, योजनाबद्ध और तकनीक-समझ रखने वाले गिरोह की कार्रवाई थी।

नकदी की सटीक राशि 7.11 करोड़ रुपये बताई गई है।

स्टाफ को पुलिस द्वारा सुरक्षित पाया गया।

DVR निकालना दर्शाता है कि अपराधियों को सिस्टम की जानकारी थी।

“GOVT OF INDIA” लिखी इनोवा CCTV में स्पष्ट दिखी है।

Similar News