राजस्थान में बड़ा राजनीतिक फेरबदल: बीटीपी को तगड़ा झटका, डूंगरपुर-बांसवाड़ा के 45 नेता कांग्रेस में शामिल
डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी
जयपुर। राजस्थान की सियासत में गुरुवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) को करारा झटका लगा। डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों से जुड़े बीटीपी के 45 से अधिक वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। यह सामूहिक प्रवेश कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की उपस्थिति में जयपुर में हुआ।
कांग्रेस की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, पार्टी में शामिल होने वालों में बीटीपी के दोनों जिलाध्यक्ष समेत कई प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हैं। इस मौके पर विधायक गणेश घोगरा, सागवाड़ा से पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश कुमार भील, सांसद भजनलाल जाटव और पूर्व मंत्री सालेह मोहम्मद भी मौजूद रहे।
सदस्यता कार्यक्रम के दौरान गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में आदिवासी, दलित और पिछड़ा वर्ग लगातार कांग्रेस की नीतियों से जुड़ रहा है। उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि, “राजस्थान में पर्ची से बनी भाजपा सरकार जनता को ठग रही है। विकास ठप है और जवाबदेही पूरी तरह गायब हो चुकी है।”
डोटासरा ने आगे कहा कि भाजपा ने जनता के विश्वास को तोड़ते हुए वोट चोरी कर सरकार बनाई है, और अब प्रदेश की संपदा बाहरी व्यापारियों के हाथों लुट रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा चुनाव से पहले बीटीपी के नेताओं का कांग्रेस में शामिल होना आदिवासी बहुल इलाकों में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत कर सकता है। वहीं, बीटीपी के लिए यह कदम संगठनात्मक रूप से बड़ा नुकसान साबित हो सकता है।
कुल मिलाकर, यह घटनाक्रम दक्षिणी राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस को नई ऊर्जा और बीटीपी को गहरी चुनौती देता दिख रहा है।