महाराष्ट्र विधानसभा शीतकालीन सत्र में स्वास्थ्य संकट -नागपुर में 2 मंत्री, 10 विधायक और 1,355 अधिकारी-कर्मचारी अस्वस्थ, प्रशासन अलर्ट

Update: 2025-12-14 14:42 GMT

रिपोर्ट : विजय तिवारी

नागपुर।

महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान नागपुर में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ने की पुष्ट जानकारी सामने आई है। सत्र के बीच राज्य सरकार के दो मंत्री, दस विधायक और करीब 1,355 अधिकारी-कर्मचारी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हुए हैं। इस अप्रत्याशित स्थिति ने सत्र संचालन के साथ-साथ स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर भी प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

सत्र के दौरान बढ़ीं स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, अस्वस्थ हुए लोगों में बुखार, सर्दी-खांसी, जुकाम, गले में संक्रमण, कमजोरी और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं अधिक देखने को मिलीं। कुछ जनप्रतिनिधियों को कार्यवाही के दौरान ही असहजता महसूस हुई, जबकि कई अधिकारी-कर्मचारियों को चिकित्सकीय सलाह पर आराम करना पड़ा। गंभीर लक्षणों वाले मामलों में विशेष निगरानी रखी गई।

मेडिकल व्यवस्था सक्रिय, निगरानी तेज

हालात को देखते हुए सत्र स्थल, मंत्रियों-विधायकों के आवास और सचिवालय से जुड़े परिसरों में मेडिकल टीमों को सक्रिय कर दिया गया। एंबुलेंस, प्राथमिक उपचार कक्ष और जरूरी दवाइयों की उपलब्धता बढ़ाई गई है। स्वास्थ्य विभाग ने नियमित जांच और सतत निगरानी की व्यवस्था लागू की है, ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।

ठंड और मौसम परिवर्तन प्रमुख कारण

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का आकलन है कि नागपुर की कड़ाके की ठंड, तापमान में अचानक उतार-चढ़ाव और बदलता मौसम इस समस्या की प्रमुख वजह हो सकते हैं। दिन और रात के तापमान में अंतर, वातानुकूलित सभागारों और खुले वातावरण के बीच लगातार आवाजाही ने भी स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाला है।

कार्यदबाव और थकान ने बढ़ाई परेशानी

शीतकालीन सत्र के दौरान लगातार बैठकों, लंबी बहसों, देर रात तक चलने वाली कार्यवाही और प्रशासनिक जिम्मेदारियों के चलते बढ़ा दबाव भी एक अहम कारण माना जा रहा है। सीमित विश्राम और निरंतर भागदौड़ के कारण कई लोगों में थकान, कमजोरी और ब्लड प्रेशर से जुड़ी दिक्कतें उभरकर सामने आईं।

एहतियाती निर्देश जारी

प्रशासन ने सत्र से जुड़े सभी मंत्रियों, विधायकों और कर्मचारियों को गरम कपड़े पहनने, पर्याप्त आराम करने, तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाने और लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेने की सलाह दी है। स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या को नजरअंदाज न करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।

उपलब्ध तथ्यों के आधार पर यह स्थिति मौसम की मार और अत्यधिक कार्यभार के संयुक्त प्रभाव का परिणाम मानी जा रही है। नागपुर में शीतकालीन सत्र के दौरान सामने आया यह घटनाक्रम न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति सतर्कता की जरूरत को उजागर करता है, बल्कि भविष्य में बड़े प्रशासनिक आयोजनों के दौरान बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन और कार्य-संतुलन पर विशेष ध्यान देने का संकेत भी देता है।

Similar News