कांडला—मीठा पोर्ट क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई : 100 एकड़ अवैध कब्जा ध्वस्त, ₹250 करोड़ की सरकारी भूमि मुक्त — 500 पुलिसकर्मी तैनात

Update: 2025-12-08 07:34 GMT

रिपोर्ट : विजय तिवारी

कांडला (कच्छ) : राष्ट्रीय सुरक्षा और तटीय संरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कच्छ जिले के मीठा पोर्ट क्षेत्र में सोमवार तड़के प्रशासन ने अब तक की सबसे व्यापक अतिक्रमण-विरोधी कार्रवाई शुरू की। भारी मशीनरी और सशस्त्र पुलिस बल की अभूतपूर्व तैनाती के बीच करीब 100 एकड़ सरकारी भूमि पर बने अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया। इस भूमि की अनुमानित बाजार कीमत करीब ₹250 करोड़ बताई जा रही है।

यह अभियान दीनदयाल पोर्ट ऑथोरिटी और ईस्ट कच्छ पुलिस के संयुक्त नेतृत्व में संचालित हुआ, जिसमें पूर्व कच्छ जिले के 40 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों और लगभग 500 पुलिसकर्मियों ने हिस्सा लिया। पूरी प्रक्रिया की निगरानी ड्रोन कैमरों और वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से की गई।

ऑपरेशन का पैमाना — संसाधनों की भारी तैनाती

20 JCB मशीनें

20 हिटाची एक्सकेवेटर

40 लोडर और 40 डंपर

लगभग 100 ट्रैक्टर

ड्रोन और हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरों से निरंतर मॉनिटरिंग

अधिकारियों के अनुसार, इस ऑपरेशन को कच्छ में अब तक की सबसे बड़ी एंटी-एन्क्रोचमेंट ड्राइव माना जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य बंदरगाह के आसपास संवेदनशील सुरक्षा जोन में विकसित आपराधिक गतिविधियों के केंद्रों को समाप्त करना है।

अवैध गतिविधियों का अड्डा बन चुका था क्षेत्र

सूत्रों के मुताबिक, मीठा पोर्ट क्षेत्र में वर्षों से अवैध बस्तियाँ उग चुकी थीं, जहाँ 4,000–5,000 लोग अनियमित रूप से बसा दिए गए थे। जांच में कई संगठित अपराध नेटवर्कों का संचालन सामने आया—

जबरन वेश्यावृत्ति गिरोह

अवैध शराब तस्करी (Bootlegging)

चोरी व संपत्ति अपराध

पेट्रोलियम अधिनियम के तहत अपराध

सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की घटनाएँ

यह पूरा क्षेत्र बंदरगाह की मुख्य सुविधाओं, तेल पाइपलाइनों और जहाजों की आवाजाही वाले उच्च-सुरक्षा घेरों के अत्यधिक नजदीक स्थित था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुका था।

दीनदयाल पोर्ट का रणनीतिक महत्व -

भारत के प्रमुख कार्गो और पेट्रोलियम व्यापार केंद्र के रूप में दीनदयाल पोर्ट (पूर्व में कांडला पोर्ट) देश की आर्थिक और सामरिक नीति का महत्वपूर्ण स्तंभ है। यहाँ से प्रतिदिन हजारों टन तेल और भारी माल का आयात-निर्यात होता है।

इसी वजह से वर्षों से पोर्ट क्षेत्र के आसपास की अनियंत्रित बस्तियाँ सुरक्षा एजेंसियों की चिंता का कारण बनी हुई थीं।

पिछले वर्ष भी हुई थी बड़ी कार्रवाई -

बीते वर्ष भी पोर्ट अथॉरिटी ने 170 एकड़ भूमि पर से अतिक्रमण हटाया था। वर्तमान अभियान उसी श्रृंखला का अगला चरण है, जिसे तटीय सुरक्षा नीति और पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है।

पुनर्वास पर सवाल -

जहाँ प्रशासन इसे कानून व्यवस्था और सुरक्षा के लिए अनिवार्य कदम बता रहा है, वहीं प्रभावित लोग अचानक विस्थापन और आजीविका संकट के मुद्दों को उठा रहे हैं।

फिशर समुदाय, मजदूर वर्ग और गरीब परिवार पुनर्वास सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।

मीठा पोर्ट क्षेत्र में मेगा डिमोलिशन ड्राइव ने यह संकेत दिया है कि सरकार अब तटीय क्षेत्रों में अवैध कब्जा, संगठित अपराध और असामाजिक तत्वों के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाने के लिए दृढ़ है।

हालाँकि, विशेषज्ञों का मानना है कि विकास, सुरक्षा और मानवीय संतुलन के लिए पुनर्वास व्यवस्था पर भी समान गंभीरता से कार्य होना चाहिए।

यह अभियान न सिर्फ प्रशासनिक सख्ती का उदाहरण है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, व्यापारिक बंदरगाहों की रक्षा और तटीय क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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