हिंदीभाषी महासंघ वडोदरा द्वारा आयोजित “महा रामलीला” का तीसरा दिन- सीता स्वयंवर से विवाह उत्सव तक, मर्यादा, शौर्य और संस्कारों का भव्य मंचन
रिपोर्ट : विजय तिवारी
वडोदरा।
हिंदीभाषी महासंघ वडोदरा के तत्वावधान में आयोजित महा रामलीला के तीसरे दिन रामायण के अत्यंत महत्वपूर्ण और भावनात्मक प्रसंगों का सजीव, अनुशासित और भव्य मंचन किया गया। मंच, प्रकाश, संगीत और कलाकारों के सशक्त अभिनय के समन्वय ने दर्शकों को त्रेता युग की अनुभूति कराई, जिससे पूरा पंडाल भक्ति, उल्लास और जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा।
सीता स्वयंवर : मर्यादा और धर्मसम्मत विवाह की परंपरा
तीसरे दिन के मंचन की शुरुआत मिथिला में सीता स्वयंवर के दिव्य दृश्य से हुई। राजा जनक का संकल्प, राजसभा की भव्यता, विभिन्न राजाओं की उपस्थिति और भगवान शिव के धनुष की गरिमा को मंच पर प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया। यह प्रसंग नारी सम्मान, मर्यादा और धर्मसम्मत विवाह की सनातन परंपरा को सशक्त रूप में दर्शाता है।
शिव धनुष भंग : संयम से उत्पन्न शक्ति का संदेश
जब कोई भी राजा शिव धनुष उठाने में सफल नहीं हो सका, तब प्रभु श्रीराम द्वारा धनुष भंग का दृश्य मंचित हुआ। धनुष टूटते ही प्रकाश प्रभाव, संगीत और जयघोष ने वातावरण को रोमांच और श्रद्धा से भर दिया। यह दृश्य स्पष्ट करता है कि सच्ची शक्ति अहंकार में नहीं, बल्कि धर्म, संयम और मर्यादा में निहित होती है।
लक्ष्मण–परशुराम संवाद :
विवेक और मर्यादा का आदर्श
लक्ष्मण के ओजस्वी वचनों और परशुराम के प्रचंड क्रोध के मध्य प्रभु श्रीराम का शांत, संतुलित और मर्यादित आचरण दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। यह प्रसंग विवेक, धैर्य और मर्यादा पुरुषोत्तम के आदर्श स्वरूप को गहराई से प्रस्तुत करता है।
अयोध्या की बारात और विवाह उत्सव : संस्कारों का भव्य उत्सव
धनुष यज्ञ के उपरांत अयोध्या से राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की भव्य बारात के मिथिला आगमन का दृश्य मंचित किया गया। मंगल गीत, पारंपरिक वेशभूषा, नृत्य और प्रकाश संयोजन ने विवाह उत्सव को जीवंत बना दिया।
इसके पश्चात परछन और कन्यादान के पावन प्रसंगों के साथ राम-सीता, लक्ष्मण-उर्मिला, भरत-मांडवी और शत्रुघ्न-श्रुतकीर्ति का विवाह वैदिक मंत्रोच्चार और अग्नि साक्षी में सम्पन्न हुआ, जिसने पूरे पंडाल को आध्यात्मिक भाव से भर दिया।
स्वागत समारोह :
जनप्रतिनिधि और सनातन प्रेमियों की सहभागिता
इसी कड़ी में गुजरात प्रदेश के विभिन्न जिलों और शहरों से पधारे सनातन प्रेमियों का स्वागत समारोह आयोजित किया गया।
अकोटा क्षेत्र वार्ड नंबर 12 की पार्षद रीता सिंह का स्वागत महा रामलीला की सह-निर्माता एवं हिंदीभाषी महासंघ की सदस्य तनुजा तिवारी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर आयोजन की सामाजिक स्वीकार्यता, सांस्कृतिक एकता और सामूहिक सहभागिता का सशक्त संदेश सामने आया।
हिंदीभाषी महासंघ वडोदरा : पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित -
अरविंद कुमार तिवारी, दिलीप नेपाली, राकेश जैन, देवेंद्र उपाध्याय, राजेश पाठक, दुर्गेश तिवारी, संदीप तिवारी, अखिलेश मिश्रा, श्रीमती तनुजा तिवारी, संतोष मिश्रा, अमरेंद्र मिश्रा, राकेश शुक्ला, चंद्रप्रकाश पांडे, राजेश मिश्रा, संतोष त्रिपाठी, मुकेश बडोला, विनोद सिंह, मंगल गिरी, रस बिहारी सिंह, आर.बी. सिंह, दिलीप अग्रवाल, अमरनाथ ओझा, रामनाथ पासवान, राकेश शर्मा, सचिंद्र राय, अंबेश मिश्रा, अंबेश शुक्ला, श्रीकांत उपाध्याय, महेश चतुर्वेदी, पंकज पांडे, प्रतीक पांडे, पंकज, अशोक त्रिपाठी, सतीश सिंह, संतोष दुबे, मुकेश उपाध्याय।
भक्ति, मर्यादा और संस्कारों का संदेश
महा रामलीला का तीसरा दिन भक्ति, मर्यादा, शौर्य और पारिवारिक संस्कारों का सजीव उत्सव बनकर उभरा। अनुशासित मंचन, जीवंत पात्र और दर्शकों की उत्साहपूर्ण सहभागिता ने इस संध्या को स्मरणीय बना दिया।
यह प्रस्तुति यह स्पष्ट संदेश देती है कि मर्यादा, संयम और संस्कार ही समाज की वास्तविक शक्ति हैं, वहीं आगामी दिनों के मंचन को लेकर दर्शकों में उत्सुकता और प्रतीक्षा और अधिक गहराती जा रही है।