काशी के पास मतदान का कीर्तिमान गढ़ने का मौका, इसलिए पहले मतदान फिर जलपान

Update: 2019-05-18 16:22 GMT

पुरातन नगरी काशी के पास इस आम चुनाव में नया कीर्तिमान गढ़ने का मौका है। मतदान के उच्च पटल पर काशी को विराजने का जिम्मा यहां के सुधी मतदाताओं का है। अब तक के छह चरणों के चुनाव में देश में सर्वाधिक मतदान वाले संसदीय क्षेत्रों का रिकार्ड तोड़ने का मौका है। हर-एक मतदाता की जागरूकता वाराणसी संसदीय क्षेत्र को इस चुनाव में नंबर वन बना सकता है... तो उठिये, बूथ पर जाइये और अपने नेता का चुनाव करिये। अपने लिये, काशी के लिए, वाराणसी को प्रथम स्थान पर लाने के लिए।

वाराणसी अब तक दो बार ही 60 प्रतिशत के पार जा पाया

प्रथम लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक वाराणसी का मतदान प्रतिशत महज दो बार ही 60 फीसदी के पार जा पाया है। ऐसे में काशी को अपने पुराने रिकार्ड को तोड़कर नया रिकार्ड कायम करने का भी मौका है।

चुनाव वर्ष मतदान प्रतिशत

1951 45.19

1957 62.67

1962 63.28

1967 59.42

1971 55.48

1977 55.83

1980 53.66

1984 54.94

1989 42.64

1991 44.79

1996 40.58

1998 47.18

1999 45.02

2004 42.60

2009 42.61

2014 58.35

मतदान प्रतिशत बढ़ता तो कुछ और होते परिणाम

मतदान फीसदी कम होने से परिणाम पर भी असर पड़ता है। केवल वाराणसी संसदीय क्षेत्र पर अब तक के परिणाम पर नजर डालें तो सबसे कम जीत का मत प्रतिशत 2.58 रहा। जबकि जीत का सबसे ज्यादा प्रतिशत 48.80 रहा। नजदीकी अंतर वाले जीत-हार में मतदान प्रतिशत काफी अहमियत रखता है।

अब तक वाराणसी सीट पर कम अंतर से आये परिणाम

चुनाव वर्ष जीत के अंतर का प्रतिशत जीतने वाला प्रत्याशी

1967 6.45 एसएन सिंह-सीपीएम

1980 7.07 कमलापति त्रिपाठी- कांग्रेस

1991 8.92 शीशचंद्र दीक्षित-भाजपा

1996 7.90 शंकरप्रसाद जायसवाल- भाजपा

2009 2.58 डॉ. मुरली मनोहर जोशी- भाजपा

अन्य सीटों पर अब तक कम वोटों से आये परिणाम

वर्ष लोकसभा सीट विजयी प्रत्याशी जीत का अंतर

1951 गाजीपुर ईस्ट रामनगीना 402

2009 चंदौली रामकिशुन 459

1967 चंदौली निहाल 1595

2004 चंदौली कैलाश नाथ 1669

1962 चंदौली बालकृष्ण 1785

1980 जौनपुर अजीजुल्ला 2763

1984 आजमगढ़ संतोष सिंह 2788

1967 गाजीपुर एस पांडेय 3240

1967 घोसी जे बहादुर 4288

1991 घोसी कल्पनाथ राय 4429

2014 में महज चंदौली रहा फर्स्ट डीविजन

पूर्वांचल में आखिरी चरण के रण में आठ संसदीय क्षेत्रों में मतदान आज है। इन आठ संसदीय क्षेत्रों में 2014 के चुनाव में केवल चंदौली संसदीय क्षेत्र रहा, जहां मतदान का प्रतिशत 60 फीसदी से पार जा पाया। ऐसे में अन्य संसदीय क्षेत्रों के पास भी इस बार मौका है कि वे अब तक के अपने पुराने रिकॉर्ड धोएं और चंदौली नया रिकॉर्ड बनाये।

संसदीय क्षेत्र का मतदान प्रतिशत

गाजीपुर 54.77

चंदौली 61.56

वाराणसी 58.35

मिर्जापुर 58.56

राबर्ट्सगंज 54.05

बलिया 53.29

सलेमपुर 51.50

घोसी 54.99

चार संसदीय क्षेत्रों में महिलाओं ने दिखाया था दम

2014 के चुनाव में चार संसदीय क्षेत्रों की महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा।

संसदीय क्षेत्र महिला पुरुष

गाजीपुर 56.01 54

चंदौली 61.60 61.62

सलेमपुर 53.47 49.87

घोसी 57.90 52.99

यहां के वोटरों से सीखें काशी के मतदाता

अब तक के छह चरणों में ऐसे भी संसदीय क्षेत्र रहे, जहां 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। यहां के वोटरों से वाराणसी के मतदाताओं को सीखने की जरूरत है। पहले चरण में सहारनुप में 70.68 फीसदी मतदान हुआ तो छत्तीसगढ़ के श्यामगिरी में 77 फीसदी। 18 अप्रैल के दूसरे चरण में असम के नौगांव में 80.58 फीसदी मतदान हुआ, यूपी के अमरोहा में 70 फीसदी। 23 अप्रैल के तीसरे चरण के चुनाव में असम के घुबड़ी में 88 फीसदी मतदान हुआ। 29 अप्रैल के चौथे चरण में एमवी के छिंदवाड़ा में 80.53 फीसदी मतदान हुआ। छह मई के पांचवें चरण में पश्चिम बंगाल के उलुबेरिया में 77.57 फीसदी मतदान हुआ। छठें चरण में पश्चिम बंगाल के वोटरों ने चौंकाया। यहां 80 फीसदी के पार वोटिंग हुई।

क्या संभव है हर बूथ पर सौ फीसदी मतदान

पहले चरण के चुनाव में गढ़वाल का तरसाली गांव के बूथ पर सौ फीसदी मतदान हुआ। वाराणसी में भी अगर बूथवार सौ फीसदी लक्ष्य रखकर मतदान हो तो निश्चित रूप से नया रिकार्ड कायम हो सकता है। वाराणसी संसदीय क्षेत्र में कुल 587 मतदान केंद्र व 1819 बूथ हैं।

प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं अपील

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने संसदीय क्षेत्र की जनता से शत प्रतिशत मतदान की अपील कर चुके हैं। मतदान में भी नया कीर्तिमान रचने की अपील कर चुके हैं। 

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