रामपुर. आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ जिला प्रशासन की कार्रवाई जारी है. जिला प्रशासन किसानों की जमीन की यहां नपाई करा रहा है. जानकारी के अनुसार अब तक करीब 12 किसानों को उनकी जमीन पर कब्जा दिला दिया गया है, वहीं बाकी किसानों को कब्जा दिलाने की कार्रवाई चल रही है. बता दें कि आजम खान जौहर यूनिवर्सिटी के संस्थापक हैं.
आरोप है कि किसानों की जमीन पर अवैध ढंग से कब्जा कर उसे जौहर यूनिवर्सिटी में मिला लिया गया. ये मामला 26 किसानों की करीब 20 बीघा जमीन का है. इन 26 किसानों ने मामले में मुकदमा दर्ज कराया था, वहीं जिला प्रशासन की तरफ से भी एक एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद आजम खान को भू-माफिया घोषित किया गया था.
मामले में अब जिला प्रशासन लगातार जमीन की नपाई करा रहा है. जानकारी के अनुसार अब तक करीब 12 किसानों को उनकी जमीन पर कब्जा दिला दिया गया है. वहीं बाकी किसानों को कब्जा दिलाने की कार्रवाई चल रही है.
एक अन्य मामले मे दो भवन हो चुके हैं सीज
बता दें कि एक दूसरे मामले में उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने जौहर यूनिवर्सिटी से जमीन वापस लेने की कार्रवाई शुरू कर दी है. बुधवार को भारी पुलिस बल के साथ जिला प्रशासन यूनिवर्सिटी पहुंचा और नपाई शुरू की और जौहर यूनिवर्सिटी के दो भवन सीज कर दिए. दरअसल आजम खान पर श्रम विभाग का एक करोड़ 37 लाख रुपये सेस का बकाया था. जमा नहीं करने पर श्रम विभाग ने आरसी जारी थी. भवन की कीमत का अनुमान लगाकर जौहर यूनिवर्सिटी के दो भवन सीज कर दिए गए.
दरअसल पिछले दिनों जौहर विश्वविद्यालय के लिए दलितों की जमीन नियम विरुद्ध खरीदने में फंसे एसपी के सांसद और यूनिविर्सिटी के चांसलर मोहम्मद आजम खान को राजस्व परिषद से बड़ा झटका लगा था. राजस्व परिषद ने पूर्व कमिश्नर के आदेश को खारिज करते हुए राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. जिसके तहत जौहर ट्रस्ट की ओर से बनवाए गए इस विश्वविद्यालय के कब्जे से दलितों की 104 बीघा जमीन वापस होगी.