अयोध्या रामनगरी में भगवान राम की प्रतिमा लगाने के लिए सौ करोड़ रुपये की धनराशि शासन ने अवमुक्त कर दी है। शासनादेश एक महीने प़ुराना है। इस धनराशि से प्रतिमा लगाने के लिए जमीन खरीदी जानी है। सरकारी खजाने में धनराशि मिलने के बावजूद भूमि खरीद शुरू नहीं हो सकी।
राज्यपाल की तरफ से भूमि खरीदने के लिए क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी (आरटीओ) आरपी यादव नामित हैं। यादव के अनुसार स्थानीय स्तर से चयनित भूृमि का प्रस्ताव शासन भेजा गया है। प्रस्तावित भूमि के बारे में अभी किसी निर्णय की जानकारी नहीं है। भगवान राम की प्रतिमा लगाने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की है। बताते हैं कि चयनित भूमि के लिए मुख्यमंत्री की सहमति जरूरी है।
सूत्रों के अनुसार माझा बरहटा में भूमि खरीदने का प्रस्ताव शासन भेजने के बाद जिलाधिकारी अनुज कुमार झा छह सदस्यीय भूमि मूल्य अनुमोदन समिति का गठन कर चुके हैं। प्रस्तावित भूमि के संबंध में मुख्यमंत्री से सहमति के बाद सर्वे करा भूमि खरीदने में होने वाली धनराशि का आकलन किया जाएगा। किसानों से क्रय की जाने वाली भूमि की दर यही कमेटी अनुमोदित करेगी। 85 हेक्टेयर भूमि चयन भगवान राम की प्रतिमा के लिए किया गया है। प्रस्तावित जमीन किसानों से खरीदी जानी है।
मीरापुर द्वाबा में पहले था चयन
भगवान राम की प्रतिमा लगाने के लिए पहले मीरापुर द्वाबा में भूमि का चयन किया गया था। चयनित जमीन खरीदे जाने से पहले राजकीय निर्माण निगम की परीक्षण करने आई टीम ने अनफिट करार दिया था। इसी के बाद माझा बरहटा में भूमि का चयन किया गया। चयनित भूमि में सबसे बड़ा हिस्सा महर्षि योगी की संस्था के नाम है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार सीएम की सहमति मिलने के बाद सबसे पहले यही भूमि भगवान राम की प्रतिमा लगाने के लिए खरीदी जाएगी।