एक दिवसीय संगोष्ठी में शिक्षाविदों ने उदगार व्यक्त किया
वाराणसी/पिंडरा
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संयुक्त महामंत्री डॉ जगदीश सिंह 'दीक्षित' ने कहाकि माता-पिता व देश के प्रति सच्ची सेवा करना ही कर्तव्य है , और सभी के जन में इसका वास होना ही कर्तव्य बोध है । बिना कर्तव्य बोध के व्यक्ति व समाज का विकास नही हो सकता।
उक्त बातें गुरुवार को कथौली स्थित माँ शारदा महिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के बैनर तले स्वामी विवेकानंद के जयंती अवसर पर सप्ताहव्यापी कार्यक्रम के तहत कर्तव्य बोध दिवस पर आयोजित संगोष्ठी के दौरान कही। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ राममनोहर लोहिया व अवध विश्वविद्यालय अयोध्या में राज्यपाल द्वारा नामित कार्य परिषद सदस्य श्री दीक्षित ने कहाकि जिस तरह इन दिनों कर्तव्यबोध का क्षरण हो रहा है । वह समाज और व्यक्ति के लिए शोचनीय विषय है। हम सब को अपने समाज और पूर्वजो के प्रति कर्तव्यनिष्ठ होने की जरूरत है। महासंघ के पूर्व अध्यक्ष व पूर्वांचल विश्वविद्यालय कार्य परिषद के सदस्य डॉ दीनानाथ सिंह ने कहाकि कर्तव्य से प्रति तन्मयता की जागृति होती है। और इसे गहराई से अपने अंदर उतार कर ही कर्तव्यनिष्ठ बनने की जरूरत है। डॉ मनोज पटेल ने कहाकि सभी मे राष्ट्र के लिए समपर्ण की भावना होनी चाहिये। तभी राष्ट्र का और कर्तव्य का बोध होगा। संगोष्ठी के दौरान स्वामी विवेकानंद के जीवन के संस्मरण को भी छात्र छात्राओं को बताया गया।
इसके पूर्व अतिथियों व छात्र छात्राओ ने माँ सरस्वती व आचार्य रामकृष्ण परमहंस की पत्नी रही माँ शारदा के चित्र पर माल्यर्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुई।
संगोष्ठी की अध्यक्षता बिजेंद्र नारायण सिंह व संचालन डॉ सुमन पाठक धन्यवाद प्रबन्धक राखी सिंह ने किया।
इस दौरान प्रधानाचार्य जटाशंकर सिंह, परमानन्द ,शिल्पी, अनिता गुप्ता, ओमप्रकाश यादव, मनोज सिंह व अंकिता वर्मा ने संगोष्ठी को संबोधित किया। इस दौरान सैकड़ो छात्राये उपस्थित रही।
रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय वाराणसी