कोयम्बटूर पहुंची शहीद सम्मान सायकिल यात्रा, नागरिकों ने किया अभिनंदन

Update: 2020-01-06 07:15 GMT

महात्मा गांधी, कस्तूरबा गया गांधी की 150वीं और भूदान आंदोलन के प्रणेता विनोबा भावे की 125वी जयंती के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर 2019 को जम्मू और कश्मीर के गांधी चौक से शुरू हुआ पर्यावरण जागरूकता अभियान शहीद सम्मान सायकिल यात्रा आज एक बार फिर केरल राज्य का भ्रमण पूर्ण कर तमिलनाडु के कोयम्बटूर शहर पहुंच गई है। यहां के स्थानीय नागरिकों ने जोरदार अभिनंदन किया ।

इस अवसर पर नागरिकों से चर्चा करते हुए यात्रा के प्रायोजक, संयोजक और टीम लीडर प्रोफ़ेसर योगेंद्र यादव ने कहा कि कोयम्बटूर में भी मुझे पहाड़ों को जड़ से खोद लिया गया है। जो एक गहरे तालाब में तब्दील हो गया है। इसके चारों ओर घने बाबुल होने के बावजूद इसे छुपाया नही जाता है। कोयम्बटूर की जैविक और प्राकृतिक विविधता, सौंदर्य और आकर्षण इन पहाड़ों और वनस्पतियों के कारण है । अगर आप लोग खिड उसे समाप्त कर देंगे, प्रकृति की पहली मार आप लोगों को झेलनी पड़ेगी । तापमान और बढ़ेगा । वैसे ही पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग की चपेट में चुका है । वर्षा भी हर वर्ष काम हो रही है। भूजल स्तर में गिरावट बड़ी तेजी से हो रही है। इन सबको रोकने का एक ही उपाय है प्राकृतिक संपदा का संरक्षण व पोषण । चार महीने तक चलने वाली 9 हजार किलोमीटर से अधिक दूरी की सायकिल चला कर में आप लोगों से यही निवेदन करने आया हूँ ।

प्रोफेसर योगेंद्र यादव ने देश की सीमाओं और उसकी सुरक्षा में लगे देश के जवानों का उल्लेख करते हुए कहा कि हम आप चैन की नींद इसलिए सो रहे है, क्योंकि हमारे देश के जवान हमारी सीमाओं की सुरक्षा बड़ी मुस्तैदी से कर रहे हैं। कभी कभी उ हैं सहादत भी देनी पड़ती है । ऐसे में हैम लोगों का कर्तव्य बनता है कि उन पर आश्रित परिजनों के प्रति अपने नैतिक कर्तव्यों का पालन करें ।

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