कुलपति के इस्तीफा देते ही चीफ प्रॉक्टर, रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी, पीआरओ ने भी पद छोड़ा
नई दिल्ली/प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। प्रो. हांगलू ने 31 दिसंबर को अपना इस्तीफा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव को भेजा था। मंत्रालय ने कुलपति का इस्तीफा मंजूर कर केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विजिटर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दिया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कुलपति को पद से मुक्त कर दिया जाएगा।
मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक, प्रो. हांगलू ने इस्तीफे में कुलपति पद की जिम्मेदारियों से जल्द मुक्त करने का आग्रह किया है। पिछले हफ्ते मंत्रालय ने दस महीनों से शिक्षक भर्ती पर लगी रोक हटाने का फैसला लिया था। वहीं, राष्ट्रपति द्वारा गठित समिति की जांच में कुलपति पर लगे भ्रष्टाचार समेत अन्य आरोपों में उन्हें क्लीन चिट नहीं मिली है।
कुलपति के इस्तीफे के बाद ही इविवि के चीफ प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे, रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ला, वित्त अधिकारी डॉ. सुनील कांत मिश्र, पीआरओ डॉ. चित्तरंजन कुमार ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। कुलपति के पद छोड़ देने के बाद अपने पद से त्यागपत्र देते हुए चीफ प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे ने कहा कि प्रॉक्टर का पद कुलपति प्रसाद पर्यंत होता है, ऐसे में उनके पद छोड़ देने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया।
विवि में प्रशासनिक अधिकारियों के पदों पर नियुक्ति और कॉलेजों में शिक्षक भर्ती को लेकर मनमानी की शिकायतों के बीच कुलपति के खिलाफ आवाज उठती रही। उनके खिलाफ मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से लगातार जांच चलती रही। कुलपति के खिलाफ यूजीसी एवं मंत्रालय की हाई पावर कमेटी भी जांच कर चुकी है। लेकिन, कुलपति अपनी जगह बरकरार रहे। 2019 के अंत और 2020 की शुरुआत में कुलपति ने आखिरकार पद छोड़ दिया।