मासूम बेटी से दरिंदगी करने वाले बाप को सजा-ए-मौत

Update: 2019-09-19 16:17 GMT

आगरा,  । सात साल की अपनी मासूम बेटी को साथ सुलाकर घिनौना कृत्‍य और बाद में उसकी हत्‍या करने वाले दरिंदे बाप को सजा-ए-मौत सुनाई गई है। अदालत ने इस घृणित अपराध को विरलतम ( rarest of the rare) माना। आगरा में विशेष न्यायाधीश (पास्को अधिनियम) वीके जायसवाल ने 25 नवंबर 2017 की रात को किए गए इस अपराध की गुरुवार को सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के दौरान बाप के चेहरे पर कोई शिकन के भाव नहीं थे।

यह था मामला

एत्मादपुर में एक स्कूल के मैदान में पड़ी झोंपड़ी में रहने वाली सात साल की बच्‍ची की 24-25 नवंबर 2017 की रात में दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। सनसनीखेज वारदात में शुरुआत से ही पिता शक के दायरे में था। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन वह घुमा रहा था। मगर, पुलिस के सामने पूछताछ में कुछ ऐसे तथ्य आए थे, जो उसकी ओर इशारा कर रहे थे। पुलिस ने फोटो दिखाकर बाप से कड़ाई से पूछताछ की। बच्‍ची का फोटो देखकर वह रोने लगा। थोड़ी देर बाद उसने गुनाह कबूल लिया। उसने खून से सनी बच्‍ची की पजामी झाडिय़ों में पड़ी होने की बात कही। पुलिस उसे लेकर झाडिय़ों के पास पहुंची। वहां से फोरेंसिक टीम ने खून से सनी पजामी जब्त कर ली।

वहशी बाप ने ऐसे की दरिंदगी

आरोपित पिता ने पुलिस को बताया था कि रात को उसने शराब के चार पौव्वे पी लिए। इसके बाद झोंपड़ी में अपनी सात साल की बेटी और नौ साल के बेटे के साथ एक ही चारपाई पर सो गया। रात डेढ़ बजे उसने बच्‍ची को बिस्तर पर ही हवस का शिकार बना लिया। उसकी आवाज सुनकर बेटा उठ गया तो उसे सुला दिया। थोड़ी देर बाद फिर उसने बच्‍ची से दरिंदगी की। इस दौरान उसकी आवाज न निकले इसलिए उसका मुंह भी दबा लिया। अचेत हो जाने पर वह कपड़े पहनकर उसे स्कूल के बरामदे में ले गया। वहां उसे पटककर कपड़े उतारे। इनमें से खून से सनी पजामी झाडिय़ों में फेंक दी और अन्य कपड़े झोंपड़ी में ही डाल दिए। इसके बाद वह सीधा थाने पहुंचा और पुलिस को बताया कि उसकी बेटी को कोई झोंपड़ी से उठाकर ले गया है।

पुलिस के पास ये थे सुबूत

- आरोपी के कबूलनामे की वीडियो रिकार्डिंग।

- बच्‍ची की खून से सनी पजामी और आरोपी के अंडर गारमेंट पर लगा खून। इसका पुलिस ने डीएनए कराया।

- आरोपी के बड़े और छोटे बेटे के बयान, जिनमें वे पिता पर शक जाहिर कर रहे हैं।

आरोपी की जान लेने पर आमादा थे बस्ती वाले

बच्‍ची से दरिंदगी करने वाले बाप को घटना के बाद बस्‍ती वाले ही सजा देने को तैयार थे। लोगों का पुलिस से कहना था कि उसे उनके हवाले कर दिया जाए। वे उसे सबक सिखाएंगे। समाज के लिए ऐसे कलंक को मिटा देंगे। वे उसकी जान लेने पर आमादा थे। उनका कहना था कि उसे फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिए। पुलिस किसी तरह उनके गुस्से से बचाकर उसे थाने लाई थी।

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