संतकबीरनगर- PCS में चयनित सीओ सदर रमेश कुमार जल्द सम्भालेंगे SDM पद की कमान

Update: 2019-02-23 17:20 GMT

"यूँ ही नहीं मिलता कोई मुकाम.....उन्हें पाने के लिए चलना पड़ता हैं,

इतना आसान नहीं होता कामयाबी का मिलना...उसके लिए किस्मत से भी लड़ना पड़ता हैं"

किसी शायर की ये पंक्तियां संतकबीरनगर जिले के सदर सीओ रमेश कुमार पर एकदम सटीक बैठती है क्योंकि आज जो मुकाम उन्होंने हासिल किया है वो किसी नज़ीर से कम नही। यूपी के सुल्तानपुर जिले के अंतर्गत आने वाले थाना/तहसील जयसिंहपुर के गाँव कारेबन में जन्म लेने वाले क्षेत्राधिकारी सदर रमेश कुमार ने पुलिस विभाग में नौकरी के दौरान PCS 2016 में चयनित होकर ये सिद्ध कर दिया है कि कठिन परिश्रम से ही सफलता की सीढ़ी चढ़ी जा सकती है। PCS में चयनित हुए क्षेत्राधिकारी रमेश कुमार जल्द ही उपजिलाधिकारी पद की कमान सम्भालेंगे, उनकी इस कामयाबी पर उनके शुभचिंतकों, मित्रो, एवं स्थानीय जनमानस के साथ विभागीय अफसरों ने उन्हें बधाई देते हुए प्रशन्नता व्यक्त की है। सीओ सदर की इस सफलता पर उनके पिता राम मूर्ति को जहां आज बेटे की कामयाबी पर गर्व महसूस हो रहा है वहीं उनकी इस सफ़लता पर माता निर्मला देवी को आज बड़ी खुशी है। बाल्यावस्था से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी सीओ रमेश कुमार की प्रारंभिक शिक्षा सुल्तान के राम बरन पूर्व माध्यमिक विद्यालय मुईली से हुई जहां पर उन्होंने कक्षा 08 तक की पढ़ाई की। गृहजनपद में प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद वर्ष 1997 में सुभाष ई0कालेज पलिया से हाईस्कूल की परीक्षा पास करने के साथ परीक्षा में 62% अंक हासिल करने के बाद सीओ सदर रमेश कुमार ने इंटरमीडिएट की शिक्षा वर्ष 1999 में गृहजनपद सुल्तानपुर के जनता इंटर कॉलेज बेलहरी से की जहाँ पर उन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए 74% अंक प्राप्त किये। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में झंडा गाड़ने वाले सीओ सदर यही नही रुके,गृहजनपद से इंटरमीडिएट की शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने वाराणसी के यूपी ऑटोनॉमस कालेज में बीएससी एजी में दाखिला लिया जहाँ पर उन्होंने प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण कर कुल 79%अंक हासिल किया।वर्ष 2004 में इसी विद्यालय से बीएड की परीक्षा में 74% अंक हासिल करने के बाद कानपुर के चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रदौगिकी विश्वविद्यालय से हॉर्टिकल्चर विषय से एमएससी एजी की परीक्षा उत्तीर्ण किया। इस परीक्षा में पुराने रिकार्डो को ध्वस्त करते हुए उन्होंने 88% अंक अर्जित किया। विश्वविद्यालय की इस परीक्षा में सर्वोच्च अंक पाकर उन्होंने गोल्ड मेडल भी हासिल किया था। कैरियर की शुरुवात वर्ष 2007 में एक मल्टीनेशनल कम्पनी BASF इंडिया लिमिटेड में बतौर डेवलपमेंट अफ़सर पद से शुरू की,लगभग 02 वर्ष इस पद पर कार्यरत रहने के बाद बतौर शिक्षक के रूप में सीओ सदर रमेश कुमार सरकारी सेवा में आये। वर्ष 2009 में उन्होंने बतौर अध्यापक जनपद अमेठी में अपनी सेवा देने के बाद जौनपुर के सिंगरामऊ स्थित राजा हरपाल सिंह इंटर कालेज में बतौर कृषि विषय के प्रवक्ता पद पर नौकरी की। इस दौरान उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में सफ़लता मिली और उन्हें आबकारी निरीक्षक की नौकरी तो मिली पर उसे उन्होंने किया नही, इस दौरान उन्होंने वर्ष 2011 में व्यक्तिगत परीक्षा देते हुए उन्होंने शिक्षा शास्त्र विषय से परास्नातक की डिग्री पाई जिसमे उन्हें 62% मार्क मिले थे।

वर्ष 2013 के लोवर पीसीएस परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सीओ सदर रमेश कुमार को पहले फ़ूड इंस्पेक्टर की नौकरी मिली लेकिन उसे किया नही और इसी बीच उनका चयन पुलिस उपाधीक्षक के पद पर हो गया। जनपद ललितपुर में बतौर पुलिस उपाधीक्षक के पद पर तैनात रहे रमेश कुमार मौजूदा समय मे संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद क्षेत्र के क्षेत्राधिकारी है।खलीलाबाद में तैनाती के दौरान ही उन्हें यह सफलता मिली है। विदित हो कि पिता राममूर्ति की सबसे बड़े संतान के रूप में जन्मे सीओ रमेश कुमार के दो छोटे भाई है जिनमे एक पिता के साथ खेती किसानी में हाथ बटाते है तो दूसरे भाई सुल्तानपुर में ही रहकर एमएससी बॉटनी की शिक्षा ग्रहण कर रहे है। धर्मावलंबी माता निर्मला देवी एक कुशल गृहणी के सभी दायित्यों का आज भी बखूबी निर्वहन कर रही हैं। वर्ष 2000 में वैवाहिक बंधन में बंधे सीओ रमेश कुमार आज दो बच्चों के पिता है जिनमे बेटा आकाशदीप व बेटी दीपशिखा है।पत्नी सुनीता देवी एक घरेलू महिला है। अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता व गुरुजनों को देने वाले सीओ सदर अपनी इस कामयाबी के पीछे अपनी पत्नी का अहम किरदार मानते है । सीओ सदर ने सत्यमेव जयते लाइव से खास बातचीत के दौरान बताया कि व्यस्तताओं भरी नौकरी के बीच पत्नी सुनीता ने उनका बखूबी साथ निभाया और परीक्षा की तैयारी में हर सम्भव मदद की जिसके बाद आज उन्हें ये सफलता मिली है। प्रतिष्ठित समाचार पोर्टल सत्यमेव जयते लाइव से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनकी शादी महज 19 साल की उम्र में ही उनके माता पिता ने कर दी थी जिसके बाद से लेकर अब तक पत्नी सुनीता का उन्हें खूब सहयोग मिला जिसके चलते आज उन्हें ये मुकाम मिला।

उन्होंने बताया कि उनके पिता श्री राममूर्ति मुरादाबाद जनपद में प्राइवेट नौकरी कर उन्हें पढ़ाये लिखाये और आज इस काबिल बनाये,माँ की ममता के साथ पिता के आशीर्वाद से ही आज ये सफ़लता मिली।

क्रिकेट और बागवानी के शौकीन सीओ सदर रमेश कुमार को खूब भाती है भोजपुरी फिल्में

जिम्मेदारी भरी नौकरी के बीच अपने शौक को पूरा करने के लिए सीओ सदर कोई कोर कसर नही छोड़ते, क्रिकेट के खेल में पारंगत रमेश कुमार बागवानी के शौकीन है जिन्हें जब भी फुर्सत मिलती है तब वो इन दोनों शौकों को पूरा करने के साथ ही बड़े मजे के साथ भोजपुरी फिल्मों को देखने के लिए टीवी से चिपक जाते हैं। क्रिकेट के खेल में जनपद की कमान संभालने वाले सीओ सदर एक बेहतरीन ऑलराउंडर खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते है।अंतर्जनपदीय मुकाबलों में अपनी टीम की कप्तानी करने वाले सीओ सदर को मीडिया के साथ बेहतर समन्वय बनाने का श्रेय भी जाता है। क्रिकेट खेल के जरिये पुलिस-मीडिया के बीच बेहतर सामंजस्य बरकरार रखने के उद्देश्य को लेकर उनकी अगुआई में पुलिस मीडिया के बीच अब तक कई मैत्रीपूर्ण क्रिकेट मैच भी हो चुके हैं। भोजपुरी सिनेमा को बड़े ही चाव से देखने वाले सीओ सदर को ऐतिहासिक फिल्में देखना भी पसंद है, इसके अलावा उन्हें ऐतिहासिक स्थलों के बारे में जानने,वहाँ पर सैर सपाटे करना भी खूब भाता है।

SDM पद की कमान सम्भालने के बाद क्या रहेंगी रमेश कुमार की प्राथमिकताएं?

सीओ के पद पर रहते हुए PCS की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले रमेश कुमार से जब हमारे विशेष संवाददाता देवेंद्र कुमार ने नए पद की प्राथमिकताओं को लेकर बातचीत की तो उन्होंने बताया कि शासन की मंशा पर खरा उतरने के साथ जनता को त्वरित न्याय दिलाना ही उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों के समस्याओं के त्वरित निस्तारण के साथ भूमि विवाद से जुड़े हुए मसलों के निस्तारण पर उनका विशेष फोकस होगा । क्योंकि सीओ रमेश कुमार मानते है कि ज्यादेतर होने वाले विवादों के पीछे की मूल बजह जमीनी विवाद ही होते है जिनका निस्तारण उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी।


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