भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया।

Update: 2024-05-08 10:00 GMT

सोनभद्र। भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने लंबे जद्दोजहद के बाद आखिरकार समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। छोटेलाल के सपा में जाने से लोकसभा राबर्ट्सगंज का चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। एनडीए गडबंधन के तहत राबर्ट्सगंज सीट अपना दल एस के खाते में चली गयी है।

 

अद ने यहां पर वर्तमान सांसद पकाैड़ी लाल कोल की पुत्र वधू व छानबे विधायक रिंकी कोल को प्रत्याशी बनाया है। सूत्रों की माने तो रिंकी कोल लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में नहीं है, दूसरी तरफ चर्चा है कि पकौड़ी लाल कोल भी पार्टी के इस निर्णय से खुश नहीं है। वह अपने बेटे जगप्रकाश कोल को टिकट दिलाना चाहते हैं।

इन सब जद्दोजहद के बीच सपा में छोटेलाल के जाने से जनपद के अनुसूचित जनजाति वोटरों में बिखराव होना तय माना जा रहा है। पकौड़ी लाल कोल को लेकर पहले से ही सवर्ण मतदाता नाराज है। इसके पीछे मूल कारण पूर्व में सार्वजनिक मंच से सवर्ण समाज को लेकर किए गए अभद्र टिप्पणी है।

 

दुद्धी विधानसभा में खरवार वोटर निर्णायक भूमिका

अब सबकी निगाह समाजवादी पार्टी के नेतृत्व पर लगी हुई है। अगर समाजवादी पार्टी पूर्व सांसद पर दांव खेलती है तो निश्चित रूप से इसका प्रभाव दुद्धी विधानसभा में होने वाले उपचुनाव में भी देखने को मिलेगा। कारण दुद्धी विधानसभा में खरवार वोटर निर्णायक भूमिका में है।

पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने सपा का दामन थामने की पुष्टि करते हुए कहा कि लंबे समय से उपेक्षा के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है। कहा कि अगर पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया तो उन्हें सार्थक परिणाम देने के लिए पूरा दमखम लगाने का काम करूंगा।

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