आजमगढ़ के योगेश्वर नाथ मिश्र को नासा में रिसर्च करने के लिए मिली ग्रांट

Update: 2018-12-07 11:10 GMT

आजमगढ़ : सठियांव ब्लाक के पैकौली गांव के रहने वाले डा. योगेश्वर नाथ मिश्र को नासा में रिसर्च करने के लिए तीन वर्ष के लिए लगभग ढाई करोड़ रुपये का इंटरनेशनल पोस्टडोक रिसर्च ग्रांट मिली है। शहरवासियों ने योगेश्वर नाथ को देश का गौरव बताया तो वहीं, योगेश्वर नाथ ने इस उपलब्धि को गांव की पाठशाला से नासा की प्रयोगशाला तक का सफर बताया।

पैकौली गांव निवासी राजेंद्रनाथ मिश्र के पुत्र डॉ. योगेश्वर नाथ मिश्र को नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी, लोस अन्गेलेस कैलिफोर्निया में बतौर वैज्ञानिक रिसर्च ग्रांट मिली है। यह ग्रांट उनको स्वीडन गवर्नमेंट के रिसर्च कौंसिल द्वारा अपनी पीएचडी इन इंजीनियरिंग डिग्री उपरांत मिली।

योगेश्वर नाथ ने जनवरी 2018 में स्वीडन की प्रथम संस्था लुंड यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग से पीएचडी पूरी की थी। वर्तमान में जर्मनी में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत हैं। डॉ. अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानने वाले योगेश्वर नाथ ने बताया कि ये ग्रांट धरती और दूसरे ग्रहों के पर्यावरण या सतह के भीतर जमीं बर्फ और उसके रसायन और भौतिकी अध्ययन करने के लिए मिली है।

वो मार्च-अप्रैल 2019 से नासा में अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे। नासा जैसे संस्थान में ग्रांट मिलने से योगेश्वर नाथ के परिजन और शुभचिंतक बेहद खुश हैं। पिता राजेंद्रनाथ मिश्र ने इसे परिश्रम और लगन का परिणाम बताया। लोगों ने योगेश्वर नाथ को बधाई दी है।

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