मोबाइल 'एप' से ऑनलाइन जुड़ेगी ईवीएम, स्मार्ट फोन से जान सकेंगे लोकेशन

Update: 2018-12-07 05:48 GMT

राजनीतिक दल अब अपनी हार का दोष इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर मढ़ने से पहले कई बार सोचेंगे क्योंकि निर्वाचन आयोग ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम को मोबाइल 'एप' से ऑनलाइन जोड़ने का फैसला किया है। इसके लिए आयोग ने एक मोबाइल 'एप' डेवलप किया है। इस 'एप' से ईवीएम के नंबर जोड़े जाएंगे।

कोई भी अपने स्मार्ट फोन से चुनाव आयोग के 'एप' पर तय नंबर डालकर ईवीएम की स्थिति पता कर सकेगा। चुनाव आयोग का दावा है कि इस कदम से ईवीएम को लेकर किसी भी तरह का भ्रम नहीं रहेगा।

चुनाव आयोग के 'मोबाइल एप' से यह भी जाना जा सकेगा कि ईवीएम किस कंपनी की है और कितनी पुरानी है। उसका नंबर क्या है। वह किस बूथ पर या कौन से कमरे में रखी है। किस ईवीएम में कितने वोट बंद हैं।

2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी के चलते प्रथम चरण की जांच में बरेली समेत अन्य मंडल और जनपद मुख्यालयों पर ईवीएम की तकनीकी कमियां दूर करने का काम चल रहा है। खराब मशीनों को चुनाव प्रक्रिया से अलग किया जाएगा।

वोटिंग के लिए पूरी तौर पर ठीक ईवीएम ही रखी जाएंगी। प्रथम चरण की जांच के लिए जल्द ही खास इंजीनियर बुलाए जाएंगे। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और चुनाव प्रेक्षकों की मौजूदगी में ईवीएम की पारदर्शिता को परखा जाएगा।

द्वितीय चरण की जांच में मतदान केंद्रों पर पोलिंग पार्टियां रवाना होने से पहले कौन सी बैलेट यूनिट (बीयू) किस कंट्रोल यूनिट (सीयू) के साथ कौन से बूथ पर जाएगी, यह अचानक तय होगा।

तृतीय चरण में मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारी मतदान शुरू कराने से पहले ईवीएम में शून्य दिखाएंगे। चतुर्थ चरण में मतदान के बाद मतगणना ईवीएम को स्ट्रांग रूम में कड़ी सुरक्षा में रखा जाएगा। यह सब निर्वाचन आयोग के 'मोबाइल एप' पर लाइव देखा जा सकेगा।

निर्वाचन आयोग ने प्रत्येक ईवीएम को 'मोबाइल एप' से जोड़ने का काम शुरू कर दिया है। इससे ईवीएम की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर भ्रम दूर होगा। मतदाता भी यह जान सकेंगे कि ईवीएम में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं की जा सकती।

- डॉ. पुनीत शर्मा, सहायक प्रभारी ईवीएम

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