मेरठ में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़

Update: 2018-07-20 03:02 GMT

मेरठ पुलिस ने गुरुवार को फर्जी मार्कशीट, फर्जी डिग्री और फर्जी डिप्लोमा बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से फर्जी मार्कशीट का जखीरा बरामद किया गया है.

बता दें कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट का रेट अलग था. जबकि डिग्री और डिप्लोमा का रेट अलग निर्धारित किया गया था. एक लाख रुपए में एमबीए और एमसीए की फर्जी मार्कशीट भी ये गिरोह मुहैया कराता था. इस गिरोह से फर्ज़ी मार्कशीट लेकर न जाने कितने लोग जहां तहां नौकरी कर रहे हैं. इस गिरोह ने अब तक एक लाख से ज्यादा फर्जी मार्कशीट बना डाली और देश के कोने-कोने में बेच डाली.

फर्जी मार्कशीट बनाने वाले इस गोरखधंधे का जाल पूरे देश में फैला था. कहा जा रहा है कि हाल ही में इंडियन वूमन क्रिकेट टीम की खिलाड़ी हरमनप्रीत की फर्जी मार्कशीट का जो मामला आया था, शायद उसमें इसी गिरोह का हाथ था. कहा जा रहा है कि इस गिरोह ने ही हरमनप्रीत को भी फर्जी मार्कशीट उपलब्ध कराई हो.

पुलिस ने मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में चल रहे फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया. उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के सैकड़ों युवाओं से लाखों की ठगी कर चुका यह गिरोह कई साल से सक्रिय था. पुलिस ने पांच सदस्यों को फर्जी मार्कशीट समेत दबोच लिया है.

पुलिस को सूचना मिली थी कि कंकरखेड़ा में एक गिरोह 10वीं से ऊपर सभी कक्षाओं की फर्जी मार्कशीट तैयार कर रहा है. आरोपितों की धरपकड़ के लिए तत्काल जाल फैला दिया गया और दबिश देकर एक मकान से पांच लोगों को पकड़ लिया गया. मौके से सैकड़ों फर्जी मार्कशीट, कंप्यूटर, स्कैनर, कई मोबाइल समेत अन्य सामान बरामद किया गया. पकड़े गए युवकों ने पूछताछ में बताया कि वह यूपी के अलावा हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान के युवाओं को फंसाते थे. 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये में फर्जी मार्कशीट तैयार कर उसे थमा दी जाती थी. यह गिरोह कई साल से चल रहा था और इन राज्यों में इसका मजबूत नेटवर्क था

एसएसपी मेरठ, राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि मेरठ की चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से पीएचडी पास उमाशंकर इस गिरोह का सरगना था. सलमान, अजय, अनिल और राजेश के साथ मिलकर उमाशंकर इस गिरोह को संचालित कर रहा था. इस गिरोह के पास से थोक के भाव में मोहरें, कागज़ात, प्रिंटर और हॉलमॉर्क लगाने वाली मशीन बरामद की गई है. आरोपितों ने पूरे देश के कई राज्यों के बोर्ड और विश्वविद्यालय के नाम से अभी तक लाखों डिग्री और मार्कशीट बनाकर बेची है.

यूपी के कई विश्वविद्यालयों के अलावा राजस्थान हरियाणा, पंजाब, सिक्किम, तेलंगाना समेत भोपाल बिहार समेत कई राज्यों के लोगों को ये गिरोह फर्जी मार्कशीट उपलब्ध कराता था. गिरोह एक लाख में किसी भी यूनिवर्सिटी की एमबीए और एमसीए की डिग्री बना देता था. गिरोह ने कई बोर्ड की मार्कशीट की कॉपी बिलकुल असली की तरह तैयार कराकर बेची थी.

एसएसपी ने बताया कि गिरोह में शामिल बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है. गिरोह के सदस्यों ने बताया कि पिछले तीन साल में एक लाख से ज्यादा फर्जी़ मार्कशीट बाज़ार मे बेच चुका है. इस गैंग का सरगना एक राजनीतिक पार्टी से भी जुड़ा बताया जा रहा है. हालांकि, मीडिया से बात करते हुए आरोपी ने ख़ुद को फंसाए जाने की बात कही.

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