मां की अराधना के लिए कलश की स्थापना का शुभ मुहुर्त राजधानी एक अक्टूबर से उत्सवों की त्रिवेणी में खिलखिलाएगी। एक तरफ शारदीय नवरात्र का आगाज होगा तो दूसरी ओर रामलीलाओं का मंचन शुरु होगा। शहरवासी भी उत्सवों की खूबसूरत रंगोली सजाने की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हैं।
त्रिवेणी की रौनक महाषष्ठी से और बढ़ेगी जब इसमें दुर्गा पूजा का तीसरा रंग चढेगा, महाषष्ठी से दुर्गा पूजा पंड़ालों में मां विराजेंगी और ढाक की धुन पर धुनुचि संग मां की अराधना होगी। यह दौर महानवमी के बाद विसर्जन यात्रा तक चलेगा। मां के जयकारों के साथ एक अक्टूबर शनिवार से ही श्रद्धालु मंदिरों में देवी पूजन को उमड़ेंगे।
धूप-अगरबत्ती, फल-फूलों और मंत्रोच्चारों के बीच शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा पहले दिन मां दुर्गा के पहले शैलपुत्री रूप की मंदिरों में पूजा की जायेगी। इसके साथ ही घरों में भी मां की आराधना के लिये कलश स्थापना की जायेगी। ज्योतिषाचाय्रों के मुताबिक कलश स्थापना का अभिजित मूहूर्त सुबह 11:30 बजे से दोपहर 12:28 बजे का है।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक को इस बार द्वितीया तिथि वृद्धि के चलते 10 दिनों के नवरात्र मिलेंगे। नवरात्र में मंदिरों में मां का मेवों, टाफी चाकलेट से श्रृंगार होगा। शास्त्रीनगर स्थित दुर्गा मंदिर में हर दिन अलग-अलग श्रृंगार होगा। कलश स्थापना के बाद पहले दिन मेवों से मां सजेंगी। हर दिन अलग-अलग थीम पर श्रृंगार होगा। बड़ी-छोटी काली जी मंदिर में मां को मेवों से सजाया जायेगा। ठाकुरगंज पूर्वी देवी मंदिर में भी थीम पर श्रृंगार होगा।
धूप-अगरबत्ती, फल-फूलों और मंत्रोच्चारों के बीच शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा पहले दिन मां दुर्गा के पहले शैलपुत्री रूप की मंदिरों में पूजा की जायेगी। इसके साथ ही घरों में भी मां की आराधना के लिये कलश स्थापना की जायेगी। ज्योतिषाचाय्रों के मुताबिक कलश स्थापना का अभिजित मूहूर्त सुबह 11:30 बजे से दोपहर 12:28 बजे का है।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक को इस बार द्वितीया तिथि वृद्धि के चलते 10 दिनों के नवरात्र मिलेंगे। नवरात्र में मंदिरों में मां का मेवों, टाफी चाकलेट से श्रृंगार होगा। शास्त्रीनगर स्थित दुर्गा मंदिर में हर दिन अलग-अलग श्रृंगार होगा। कलश स्थापना के बाद पहले दिन मेवों से मां सजेंगी। हर दिन अलग-अलग थीम पर श्रृंगार होगा। बड़ी-छोटी काली जी मंदिर में मां को मेवों से सजाया जायेगा। ठाकुरगंज पूर्वी देवी मंदिर में भी थीम पर श्रृंगार होगा।