रक्षा मंत्रालय और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अफसरों के बीच शनिवार को हुई एक घंटे की वार्ता में ही वर्षों से लंबित कई मामलों पर सहमति बन गई। इनमें कई प्रोजेक्ट 3-4 साल तो कुछ 30-40 साल से लंबित थे। बैठक में आगरा में विश्वस्तरीय अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
वहीं, सैफई (इटावा) में कार्गो एयरपोर्ट के विकास और इलाहाबाद के बमरौली हवाई अड्डे पर रात्रिकालीन लैंडिंग की सुविधा देने पर सहमति बन गई है। इसके अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी सहमति बनी है। लंबित मामलों पर सहमति बनने पर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के प्रति आभार जताया है।
रक्षा मंत्रालय व राज्य के बीच लंबित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए शनिवार को रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव जेआरके राव के नेतृत्व में एक दल लखनऊ पहुंचा। मुख्य सचिव दीपक सिंघल की अध्यक्षता में हुई वार्ता में सबसे पहले आगरा में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने पर चर्चा हुई।
इसमें दोनों पक्षों में तय हुआ कि आगरा में वायुसेना के नियंत्रण वाले एयरपोर्ट का विस्तार कर इसे अंतर्राष्ट्रीय रूप दिया जा सकता है। इसके लिए करीब 150 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इस जमीन के मालिक 347 किसानों में से 300 से आगरा के डीएम ने सहमति प्राप्त कर ली है। भूमि की कुल कीमत करीब 1.65 अरब रुपये है।
रक्षा मंत्रालय व राज्य के बीच लंबित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए शनिवार को रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव जेआरके राव के नेतृत्व में एक दल लखनऊ पहुंचा। मुख्य सचिव दीपक सिंघल की अध्यक्षता में हुई वार्ता में सबसे पहले आगरा में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने पर चर्चा हुई।
इसमें दोनों पक्षों में तय हुआ कि आगरा में वायुसेना के नियंत्रण वाले एयरपोर्ट का विस्तार कर इसे अंतर्राष्ट्रीय रूप दिया जा सकता है। इसके लिए करीब 150 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इस जमीन के मालिक 347 किसानों में से 300 से आगरा के डीएम ने सहमति प्राप्त कर ली है। भूमि की कुल कीमत करीब 1.65 अरब रुपये है।