बसपा का साथ पाकर उत्साहित समाजवादी पार्टी अब भाजपा का मुकाबला करने की तैयारी में जुट गई है। पार्टी का फोकस पिछड़े वर्ग व अतिपिछड़ी जातियों में अपनी पैठ बढ़ाने पर है। साथ ही अल्पसंख्यकों को भी साधने की तैयारी है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज करते हुए सोमवार को पिछड़ी व दलित जतियों के विधायकों व प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक ली। इसमें अखिलेश यादव ने बूथ कमेटियों के गठन और उन्हें मजबूत करने पर जोर दिया। वोटरों को मतदान केंद्र तक लाने पर बूथ कमेटियों की अहमियत भी बताई।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा नेताओं के अलोकतांत्रिक आचरण के कारण ही कानून-व्यवस्था चैपट है। भाजपा नेता स्वयं कानून हाथ में ले रहे है। भाजपाई और अपराधियों की सांठगांठ का ही परिणाम है कि राज्य में भय और आतंक का वातावरण बन गया है। अखिलेश यादव ने सोमवार को सपा दफ्तर में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में कहा कि समाजवादी पार्टी के नेताओं की यह जिम्मेदारी है कि जहां भी अन्याय की घटनाएं घटित होती है वहां तत्काल पहुंच कर पीड़ितों की हर सम्भव मदद करने के लिए सक्रिय रहना चाहिए। भाजपाई समाजवादी पार्टी और बसपा के गठबंधन से पूरी तरह बौखलाए हुए हैं। सपा-बसपा के गठबंधन से भाजपा की भाषा बदलती जा रही है। सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा शिष्टाचार से शून्य है। साथ ही राजनैतिक मर्यादा का अभाव है। भाजपा के लोगों के बयान असंसदीय और लोकतंत्र विरोधी है। भाजपा नेता विपक्षी नेताओं के विरूद्ध जिस भाषा का प्रयोग करते है वह न तो शिष्ट है और न लोकतंत्र में उसके लिए कोई स्थान हो सकता है। हम समाजवादी समाज से नफरत खत्म करना चाहते हैं इसके लिये आबादी के हिसाब से सबको सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए। केन्द्र सरकार को जातिगत जनगणना जारी करके सबको आधार से जोड़ना चाहिए। जिससे सबको आबादी के हिसाब से प्रतिनिधित्व मिल सके।
अम्बेडकर जयंती धूमधाम से मनाने के निर्देश : अखिलेश यादव ने कहा कि कार्यकर्ता प्रदेश भर में 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती धूमधाम से मनाएं। सार्वजनिक तौर पर जनसभाएं करके सपा द्वारा दलितों के लिए कराये गये कामों को याद करें।