समाजवादी पार्टी के पिछड़ी जातियों से ताल्लुक रखने वाले लगभग 450 नेताओं को सोमवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सोशल इंजीनियरिंग का पाठ पढ़ाया गया। लोकसभा चुनाव -2019 को देखते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें बताया कि वे किस तरह भाजपा के गुप्त एजेंडे से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि चुनाव में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे के बजाय गांव, गरीब और किसानों पर फोकस किया जाए। दलित-पिछड़े एकजुट रहें और दलितों पर हमले के खिलाफ पिछड़े वर्ग के लोग आगे आएं।
नेताओं के समक्ष प्रोजेक्टर पर पावर पॉइंट प्रजेंटेशन से भाजपा सरकार के चार साल के कार्यकाल का कच्चा चिट्ठा रखा गया। सोशल इंजीनियरिंग व सोशल मीडिया एक्सपर्ट ने बताया कि भाजपा कैसे अफवाहों का सहारा लेकर झूठ बेचती है।
पीसीएस में यादव समाज के 8 अभ्यर्थियों के चयन को 58 बताकर सोशल मीडिया पर प्रचारित किया गया। इसका मकसद पिछड़े वर्ग समेत सभी जातियों तक यह संदेश देना था कि सपा सरकार में खास जाति के लोगों को लाभ दिया गया। ऐसे कई उदाहरण दिए गए जिनके सहारे चुनावी लाभ लिया गया। बताया गया कि भाजपा शासन में दलित और पिछड़े उपेक्षित हैं।
प्रजेंटेशन के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि 2017 के चुनाव में भाजपा ने पिछड़े वर्ग की अलग-अलग जातियों में मुख्यमंत्री के दावेदार प्रोजेक्ट किए। उन्हें यादवों के खिलाफ भड़काया। पिछड़े वर्ग की जातियां अपनी तादाद अलग-अलग बताती हैं। इसलिए सभी को आधार से लिंक कर दिया जाए और आबादी के अनुसार अधिकार व सम्मान दिया जाए।
समाजवादी किसी जाति के खिलाफ नहीं
वरिष्ठ साहित्यकार व कवि उदयप्रताप सिंह ने कहा कि सपा किसी जाति के खिलाफ नहीं है। महात्मा गांधी, डॉ. लोहिया, जयप्रकाश नारायण समेत तमाम नेताओं ने दलितों, पिछड़ों की आवाज उठाई। उन्होंने सभी को धार्मिक मुद्दों पर बहस से बचने की सलाह दी।