लखनऊ : गोमती नगर थाने से संबंधित यौन शोषण एवं अपहरण का प्रयास तथा षड्यंत्र के आरोपी पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति एवं आशीष शुक्ला की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश सक्सेना ने पचास- पचास हजार की जमानतें एवं मुचलका दाखिल करने पर रिहा किए जाने का आदेश दिया है। हालांकि गायत्री प्रजापति अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि गौतमपल्ली सामूहिक दुष्कर्म में दाखिल जमानत अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।1बचाव पक्ष की ओर से कहा गया है कि दोनों आरोपी 29 अप्रैल 2017 से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में हैं। इस मामले में आशीष शुक्ला को वादिनी द्वारा नामित किया जाना कहा गया है। जबकि गायत्री प्रसाद प्रजापति के संबंध में प्रत्यक्ष रूप से कोई आरोप नहीं है। यह भी कहा गया है कि मामले में विवेचक द्वारा आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है तथा विवेचक को वादिनी ने बयान देकर कहा है कि उसने गोमती नगर थाने पर प्रस्तुत मामले को लेकर कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है। कहा गया है कि राजनैतिक रंजिश के कारण सभी कार्यवाही फर्जी तरीके से की गई है। अदालत ने कहा है कि निचली अदालत द्वारा मामले को सत्र अदालत भेजे जाने का आदेश दिया जा चुका है तथा परिस्थितियों को देखते हुए जमानत पर रिहा किया जाना उचित है।