जल निगम घोटाले पर बोले आजम खान- बेरोजगारों को नौकरियां दी, पाप नहीं किया
सपा सरकार में जल निगम में नियम विरुद्ध तरीके से भर्ती करने के आरोप में एसआइटी द्वारा सपा के कद्दावर नेता आज़म खान के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस चलाने की सरकार से अनुमति मांगने पर पूर्व मंत्री ने कहा कि कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है. रामपुर में न्यूज18 से बातचीत में आजम खान ने कहा पूरे मामले में पैसे के लेन-देन की कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने कहा मंत्री रहते उन्होंने पढ़े-लिखे बेरोजगारों को नौकरी देने का कम किया और यह कोई पाप नहीं है.
आजम खान ने इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन एक भी नौकरी नहीं दी. एक स्टेट के मंत्री ने पड़े लिखे बेरोजगारों को नौकरी दी है. कोई पाप नही किया है.
आजम खान ने कहा कि ये बच्चे हाईकोर्ट से भी मुकदमा जीते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी अपील डिसमिस कर दी. आजम खान ने कहा कि हमारी सरकार ने रोजगार दिया है, लिया नहीं है. बच्चों को रोजगार देने की जो भी सजा होगी भुगतेंगे.
आजम खान ने सूबे की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार रोजगारों से नौकरियां छीन कर उनके हाथों में भेख का कटोरा दे रही है. सरकार हर नियुक्ति को कोर्ट में चुनौती देकर बेरोजगारों के साथ मजाक कर रही है.
दरअसल पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. एसआईटी ने जल निगम भर्ती घोटाले में आजम खान और तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी पर कार्रवाई की संस्तुति कर दी है. एसआईटी ने शासन को भेजी अपनी जांच रिपोर्ट में आजम खान और आसुदानी पर मुकदमा दर्ज कराने की अनुमति मांगी है.
अपनी रिपोर्ट में एसआईटी ने कहा है कि आजम के खिलाफ भ्रष्टाचार समेत कई आरोपों के पर्याप्त सबूत हैं. एसआईटी इंचार्ज आलोक प्रसाद ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अभियोग चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. हालांकि प्रमुख सचिव अरविन्द कुमार ने कहा कि अभी उन्हें रिपोर्ट नहीं मिली है. रिपोर्ट मिलने के बाद न्याय विभाग से राय लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
सारे नियम ताक पर रखकर हुई भर्तियां
दरअसल सपा शासनकाल में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खान जल निगम बोर्ड के चेयरमैन भी थे. वर्ष 2016 में 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 नैतिक लिपिक व 32 आशुलिपिक समेत 1300 पदों पर भर्तियां की गई थीं. भर्ती के लिए वित्त विभाग से अनुमति भी नहीं ली गई थी. सरकार के बजाय जला निगम के चेयरमैन के स्तर पर ही भर्ती को मंजूरी दे दी गई थी. जांच में एसआईटी को भर्ती आदेश पर आजम खान के हस्ताक्षर मिले हैं. योगी सरकार इस मामले में 122 सहायक अभियंताओं को पहले ही बर्खास्त कर चुकी है.