समाजवादी पार्टी की उपचुनाव में शानदार जीत क्या पार्टी व कुनबे की रार को काम कर पाएगी ? एक ओर आत्मविश्वास से लैस पार्टी राज्यसभा चुनाव में अब बसपा प्रत्याशी की सीट पक्की करने में जुट गई है तो वही खुद को मजबूत करने में भी लगी है। इसके लिए भाजपा के असंतुष्टों पर भी नज़र रखी जा रही है। पहले बात सपा के भीतर की रार की। पार्टी मुखिया अखिलेश यादव व उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच रिश्ते अब बेहतर होते दिख रहे हैं। शिवपाल ने मारीशस से पार्टी की जीत पर अखिलेश को बधाई दी और बसपा व सपा की निकटता का स्वागत किया। इससे पहले होली दोनों सैफई में मिले तो जरूर थे और भतीजे ने चाचा के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया पर रिश्ते सहज दिखे नहीं। शिवपाल यादव ने होली के मौके पर भी उस समय अखिलेश को गले लगाया था जब अखिलेश ने उनके पांव छुए थे। लोकसभा उपचुनाव जीतने के बाद अब अखिलेश को परिवार की ओर से पूरा समर्थन मिल रहा है। पार्टी में अखिलेश यादव दरअसल नरेश अग्रवाल को भी पसंद नहीं करते थे। इसीलिए उनके जाने से अखिलेश पर कोई असर आता नहीं दिख रहा। इसीलिए मौका मिलने पर राज्यसभा का टिकट काट कर उनसे छुटकारा पा लिया। वैसे भी पार्टी पर नियंत्रण अखिलेश का हो ही गया है। शिवपाल ने हालांकि अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं पर उनका रुख फिलहाल नर्म दिखता है।