बेटे का दावा, अतीक अहमद नहीं हैं डमी प्रत्याशी, बीजेपी को हराने की रखते हैं ताकत

Update: 2018-03-09 07:16 GMT
फूलपुर लोकसभा सीट के लिए 11 मार्च को होने वाले उपचुनाव के लिए गुरुवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. आज शाम 5 बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा. बीजेपी, सपा और कांग्रेस के अलावा इस सीट से समाजवादी पार्टी से बगावत कर बाहुबली अतीक अहमद भी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. समाजवादी पार्टी से बगावत कर जेल से चुनाव लड़ रहे अतीक के बेटे और पत्नी ने चुनाव प्रचार का पूरा जिम्मा संभाल रखा है. बेटे उमर ताबड़तोड़ चुनावी जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं. उनका दावा है कि फूलपुर में बीजेपी को हराने की ताकत सिर्फ अतीक अहमद में है.
वहीं नाम न छापने की शर्त पर अतीक के करीबी बताते हैं कि, दरअसल, वे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को चुनावों में सबक सिखाने के लिए मैदान में उतरे हैं. उनका कहना था कि उपचुनाव के तारीखों का ऐलान होते ही जेल में बंद अतीक अहमद ने अपने पसंद के पटेल उम्मीदवार का नाम सुझाया था. जिसे अखिलेश यादव ने ठुकरा दिया और और नागेन्द्र सिंह पटेल को टिकट दिया. इसी से नाराज अतीक खुद मैदान में उतरे हैं. करीबी सूत्र का कहना है कि अतीक अहमद कम से कम 45 हजार वोट काट सकते हैं.
इससे इतर, बेटे मोहम्मद उमर कहते हैं कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी असली नहीं है. उमर ने कहा, "मैं जेल में पापा से मिला था. उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं वह नेताजी वाली पार्टी नहीं रही."
सपा द्वारा अतीक अहमद को बीजेपी का डमी कैंडिडेट बताने के सवाल पर उमर ने कहा, "परिस्थितियां कितनी ही विपरीत क्यों न रही हों, लेकिन मेरे पिता ने आज तक कभी समझौता नहीं किया. फूलपुर में सभी जानते हैं कि मेरे पिता ही बीजेपी को हरा सकते हैं."
वहीं अतीक अहमद के चुनाव लड़ने पर समाजवादी पार्टी के एमएलसी और प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा, "चुनाव से पहले बसपा का समर्थन मिलने के बाद लोगों को पता चल चुका है कि किसकी जीत होने वाली है. बसपा का समर्थन मिलने के बाद अतीक अहमद के चुनाव लड़ने का महत्व खत्म हो गया है. वह अपनी जीत का दावा करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन सपा की जीत पक्की है."
गौरतलब है कि 2004 में सपा के टिकट पर अतीक अहमद ने फूलपुर से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. शहर उत्तरी और दक्षिण में अतीक अहमद की मुस्लिम वोटों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है. यही वजह है कि अतीक ने निर्दलीय पर्चा भरा है. कहा जा रहा है कि अगर मुस्लिम वोट विभाजित होता है तो सपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से खाली हुई फूलपुर सीट के लिए 11 मार्च को मतदान होंगे. यहां से बीजेपी ने कौशलेन्द्र सिंह पटेल और कांग्रेस ने मनीष मिश्रा को मैदान में उतारा है. मतों की गिनती 14 मार्च को होगी.

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