भले ही अखिलेश व मायावती में अतीत की गेस्ट हाउस कांड जैसी घटनाओं को लेकर बहुत तल्खी न हो, लेकिन मुलायम और शिवपाल जैसे नेताओं के लिए मायावती के साथ सहज रिश्ते रख पाना और मायावती का इन नेताओं के साथ सहज रिश्ते रखना बहुत आसान नजर नहीं आता। मुलायम व शिवपाल के लिए किसी भी परिस्थिति में मायावती को नेता स्वीकार कर पाना आसान नहीं है।
जमीनी स्तर पर भी बसपा और सपा के कार्यकर्ताओं के बीच रिश्ते मधुर नहीं रहे हैं। ऐसे में अखिलेश के सामने इस संभावित गठबंधन को लेकर अपने घर में ही विरोध का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही जमीनी स्तर पर भी इसे स्वीकृति दिलाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है।