यूपी इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों को लेकिर सचिवालय स्थित तिलक हाल में उच्चस्तरीय बैठक चल रही है. बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने की. उनके साथ समिट के आयोजन से जुड़े सभी वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. पता चला कि बैठक में उद्योग विभाग के अधिकारियों को सरकार की इन्वेस्टमेंट पॉलिसी की जानकारी ही नहीं है. दरअसल बैठक में जब मंत्री सतीश महाना ने इन्वेस्टमेंट पॉलिसी से जुड़े सवाल पूछे तो सिर्फ 5 अफसरों ने हाथ उठाया. इस पर सतीश महाना ने बाकी अफसरों पर नाराज़गी जताई.
उन्होंने कहा कि अगर विभागीय अधिकारियों को इन्वेस्टमेंट पालिसी की जानकारी नहीं है तो निवेश कैसे आएगा. उन्होंने कहा कि जो अधिकारी काम नही करेगा, उसे हम घर वापस भेज देंगे. दरअसल योगी सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट को लेकर काफी उम्मीदें पाल रखी हैं. सरकार का दावा है कि 21 फरवरी से शुरू हो रहे आयोजन के जरिए तीन-चार सालों में 5,00,000 करोड़ रुपए के निवेश और 20 लाख नौकरियां दी जाएंगी.
इसके लिए लखनऊ को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. सड़कों की मरम्मत और डिवाइडरों का रंगरोगन युद्ध स्तर पर चालू है. मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को राज्य में निवेश का न्यौता दिया है. समिट को सफल बनाने के लिये योगी और वरिष्ठ अधिकारी देश के बड़े शहरों के साथ ही विदेशी उद्योगपतियों से भी संपर्क साध रहे हैं. यही नहीं केन्द्र सरकार द्वारा बनाए जा रहे वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर और ईस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर को ध्यान में रखकर ही राज्य सरकार उद्योग विकास की योजना तैयार कर रही है.
इस समिट के लिए मुख्यमंत्री ने मुंबई में रतन टाटा ,मुकेश अंबानी, एन चंद्रेखरन, पवन गोयनका, सुभाष चंद्रा, अशोक हिंदुजा, दीपक पारेख, शेखर बजाज, अरविंद लालभाई, सुधीर मेहता, मधुसूदन अग्रवाल और मेहुल चौकसी से मुलाकात कर चुके हैं. योगी करीब 300 अन्य कारोबारियों से भी मिल चुके हैं.