बसपा संस्थापक स्व.कांशीराम के सहयोगी आरके चौधरी सपा मे हो सकते है शामिल-जेपी यादव

Update: 2017-12-14 06:44 GMT
लखनऊ। प्रदेश की राजनीति के बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। यहाँ कभी विरोधी रहे नेता दल बदल कर आपस में दोस्त हो जाते है और कभी एक साथ रहे नेता एक दूसरे के धुर-विरोधी बन जाते है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की राजनीति की एक बड़ा नेता समाजवादी पार्टी में शामिल होने जा रहा है। आरके चौधरी हो सकते हैं सपा में शामिल , उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी को बुरी हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव में मिली हार की समीक्षा करने में लगे हुए हैं। चुनाव में या पहले कई नेता समाजवादी पार्टी छोड़ कर अन्य दलों में जा चुके हैं। मगर अब उत्तर प्रदेश की राजनीति का एक बड़ा नेता सपा में शामिल होने की तैयारे में है। पुराने बसपाई और मायावती की सरकार में मंत्री पद पर रह चुके आरके चौधरी सपा में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों से खबर है कि 22 दिसंबर को वह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ सपा की सदस्यता लेंगे। कुछ दिनों पहले ही बसपा के कद्दावर नेता रह चुके इन्द्रजीत सरोज सपा में शामिल हुए हैं। पूर्व बसपा नेता इंद्रजीत सरोज और आरके चौधरी पासी वर्ग से संबंध रखते हैं। लखनऊ, फैजाबाद और इलाहबाद मंडल के पासियों में आरके चौधरी का अच्छी पहुँच हैं। यही कारण है कि वह इलाहबाद की मंझनपुर की विधानसभा सीट से विधायक भी चुने जा चुके हैं। आरके चौधरी को बसपा संस्थापक कांशीराम के करीबीयों में एक कहा जाता था। मायावती द्वारा इन्हें निकाले जाने के बाद ये फिर से बसपा में शामिल हुए थे। मगर यूपी चुनाव के पहले स्वामी प्रसाद मौर्या के बसपा छोड़ने के बाद इन्होने भी पार्टी छोड़ दी थी। इंद्रजीत सरोज के साथ ही आरके चौधरी के सपा में शामिल होने के बाद बसपा को बड़ा झटका लगेगा। साथ ही निश्चित तौर पर ये सपा के लिए बड़ा फायदा साबित हो सकता है।

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